Tuesday, December 24, 2024
spot_img
Homeपत्रिकाकला-संस्कृतिहिंदी के साथ-साथ ब्रजभाषा के उत्थान, उन्नयन एवं संवर्धन के लिए समर्पित...

हिंदी के साथ-साथ ब्रजभाषा के उत्थान, उन्नयन एवं संवर्धन के लिए समर्पित साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा

हिंदी भाषा-साहित्य के विकास के साथ-साथ ब्रजभाषा के उत्थान, उन्नयन एवं संवर्धन के लिए समर्पित साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा विगत आठ दशक से निरंतर प्रयास रत है। संस्था के प्रधान मंत्री श्याम प्रकाश देवपुरा अपने सीमित साधनों में संस्था की वार्षिक गतिविधियों का संचालन कर अपने स्वर्गीय पिता भगवती प्रसाद देवपुरा जी द्वारा भाषा और साहित्य के संवर्धन के लिए स्थापित परम्पराओं को निरंतर बनाए रख कर संस्था की गरिमा को बनाए हुए हैं।

हाल ही में विगत 3 एवं 4 मार्च को मंडल द्वारा दो दिवसीय पाटोत्सव ब्रजभाषा समारोह का आयोजन परंपरा का यादगार उत्सव बन गया। प्रथम दिवस के प्रथम सत्र में विशिष्ट प्रतिभा एवं विद्यार्थी रत्न सम्मान का आयोजन भगवती प्रसाद देवपुरा प्रेक्षागार में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा के अध्यक्ष एवं भागवत प्रवक्ता श्री मदन मोहन शर्मा ने अपने उद्बोधन में प्रतिभावान एवं मेधावी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए का कहा “जीवन में कुछ प्राप्त करने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है। जैसे एक बीज अपने सुंदर जीवन को एक सड़ी गली भूमि में समाहित कर लेता है एवं उसमें सड़कर एक वृक्ष के रूप में संवर जाता है।”

उन्होंने सभी बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि प्रतिभावान ही सौंदर्यवान होता है। जिसने एक लक्ष्य का संधान किया है आज वही सफल हुआ है। वही सफलता और उसकी उपलब्धि उसका सौंदर्य है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी श्री जितेन्द्र सिंह सनाढ्य ने कहा “साहित्य मंडल सदैव ही मनीषियों और प्रतिभाओं का सम्मान करता आया है। श्री भगवती प्रसाद जी देवपुरा द्वारा डाली गई इस प्रशंसनीय परम्परा को आज प्रधानमंत्री एवं साहित्यकार श्री श्याम देवपुरा भी अनवरत रूप से इसका पालन कर रहे हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में जाने-माने साहित्यकार डॉ जयप्रकाश शाकद्विपीय उदयपुर, ब्रजभाषा के कवि श्री हरि ओम हरि भरतपुर, पत्रकार श्री उमा दत्त शर्मा छतारी एवं साहित्यकार श्री राजमल जी परिहार रहे।

इस अवसर पर राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर की प्रशासनिक सेवा में चयनित श्री विवेक गुर्जर, श्री मुकेश कुमार एवं श्रीमती नेहा राव को विशिष्ट प्रतिभा सम्मान एवं विभिन्न परीक्षाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्रा सौम्या रांका, हार्दिक जैन, कृपाली जैन, हेतल डागलिया, डॉ. विनीता पालीवाल, दीपिका प्रजापत, मनीष परिहार, निवेदिता सोनी, मानसी शर्मा, सोना गायरी, दीक्षित शर्मा, प्रगति सांचीहर, हेमंत पालीवाल, पावन कुमार माली, दिव्या जोशी, नवजीत श्रीमाली, लक्ष्मी बैरागी, कमलेश गायरी, अंजलि सनाढ्य, कल्पेश पालीवाल, श्रीपार्थ त्रिपाठी, मानस कुमावत को विद्यार्थी रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया।

गायक श्री राहुल शर्मा द्वारा गणेश वंदना, सरस्वती वंदना एवं श्री हरिओम हरि द्वारा श्रीनाथ वंदना की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस अवसर पर सर्वोत्तम त्रिवेदी लघु कांमा, अशोक धाकरे भरतपुर, हरि ओम हरि भरतपुर, सुरेश शर्मा भरतपुर, नारायण सिंह किरावली, नरेंद्र निर्मल भरतपुर, श्याम सिंह जगिना भरतपुर, गोविंद सिंह डागुर भरतपुर ने ब्रजभाषा समस्या की पूर्ति की। संचालन संस्थान के प्रधानमंत्री श्री श्याम प्रकाश देवपुरा ने किया।

प्रथम दिवस के द्वितीय सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. हरि सिंह पाल पूर्व वरिष्ठ अधिकारी प्रसार भारती नई दिल्ली ने अपने उद्बोधन में कहा “ब्रजभाषा वह भाषा है जिसने सृष्टि के नियंता भगवान कृष्ण को भी बोलना सिखाया है। आज साहित्य मंडल एवं साहित्य सेवी श्री श्याम प्रकाश देवपुरा ने ब्रजभाषा की सेवा का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है जो हिंदी और ब्रज के उन्नयन हेतु श्री भगवती प्रसाद जी देवपुरा ने शुरू किया था। कार्यक्रम अध्यक्ष जितेंद्र सिंह सनाढ्य ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा “ब्रजभाषा एक मिठलोनी भाषा है। ब्रजभाषा वर्तमान उपेक्षा की शिकार है। आज इसके उत्थान उन्नयन एवं संवर्धन के लिए साहित्य मंडल जैसी संस्थाओं का होना बहुत आवश्यक है। वरिष्ठ साहित्यकार एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आगरा के डा. हरि निर्मोही ने सभी सम्मानित साहित्यकारों एवं विद्वानों को ब्रजभाषा सेवा के लिए पूर्ण समर्पित होने का आग्रह किया।

इस अवसर पर मंचस्थ अतिथियों ने देश के विभिन्न अंचलों से पधारे विविध साहित्यकारों को भिन्न-भिन्न उपाधियों से सम्मानित किया गया। राव महेंद्र मानसिंह स्मृति सम्मान से डॉ. रामानंद शर्मा मुरादाबाद, राजमाता मीरा मानसिंह स्मृति सम्मान से श्री प्रेमा भुवन बेंगलुरू, श्री रविंद्र नाथ महर्षि स्मृति सम्मान से श्री वसंत जमशेदपुर जमशेदपुर, श्री श्यामलाल शर्मा स्मृति सम्मान श्री नरेंद्र कुमार मेहता उज्जैन, श्री गोपेंद्र नाथ शर्मा स्मृति सम्मान से श्री किशोर शर्मा सारस्वत, श्री गोपी लाल दुग्गल स्मृति सम्मान से श्री कवि श्री शंकर द्विवेदी जनहरा, श्री कंचन देवी दुग्गल स्मृति सम्मान से डॉ. वर्षा एच. पटेल शामलाजी, मातुश्री विद्या देवी स्मृति सम्मान से डॉ करतार सिंह जाखड़ भिवानी, डॉ. के. आर. कल्याण रमन स्मृति सम्मान से डॉ. इंद्र सेंगर दिल्ली को सम्मानित एवं हिंदी साहित्य शिरोमणि की मानद उपाधि से समलंकृत किया गया।

संपादन के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए पंडित सेवाराम शर्मा स्मृति सम्मान से लाल देवेंद्र श्रीवास्तव बस्ती एवं नागरी संगम पत्रिका के संपादक डॉ. हरि सिंह पाल दिल्ली को संपादक शिरोमणि की उपाधि से सम्मानित किया गया। पत्रकारिता क्षेत्र में सुशील गोस्वामी नंदगांव, यतेंद्र प्रताप शाही सुल्तानपुर, श्री कृष्णकांत सनाढ्य, ग्वाल जी श्रीनाथद्वारा को पत्रकार प्रवर की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया।

हिंदी साहित्य सेवा एवं हिंदी भाषा के उत्थान हेतु पंडित हरिश्चंद्र दाधीच अंता, डॉ. एस के लोहानी खालिज जयपुर,डॉ प्रदीप उपाध्याय देवास, डॉ शीतल प्रसाद गुप्ता भोपाल एवं डॉ. रेखा गुप्ता जयपुर को हिंदी साहित्य मनीषी एवं अरुण शर्मा भीलवाड़ा, डॉ. ललित फरक्या पथ मंदसौर, डॉ. ओंकार त्रिपाठी दिल्ली, श्री जय कृष्ण चांडक जय हरदा, श्री शिव कुमार गौतम गुरुग्राम, डॉ शकुंतला अग्रवाल शकुन भीलवाड़ा, को हिंदी काव्य मनीषी की मानद उपाधि से समलंकृत किया गया । इस अवसर पर गया प्रसाद शर्मा स्मृति सम्मान से श्री राहुल शर्मा दौसा एवं श्री राजेंद्र नाथ महर्षि स्मृति सम्मान से श्रीमती मधु अग्रवाल झांसी को लोक संगीत मर्मज्ञ एवं श्रीमती शशि कला मेहता स्मृति सम्मान से श्री मांगीलाल मेघवाल करेड़ा राजसमंद को विभूषित किया गया।

ब्रजभाषा पटोत्सव कार्यक्रम के अवसर पर ब्रजभाषा एवं ब्रज संस्कृति के उन्नायक साहित्यकारों को विभिन्न सम्मान एवं उपाधियों से समलंकृत किया गया। इस क्रम में हरि प्रसाद शर्मा स्मृति सम्मान से नरेंद्र शर्मा नरेंद्र अलीगढ़ एवं डॉ. कृष्ण शरद मथुरा कासगंज, पंडित विशंभर दयाल दानौरिया स्मृति सम्मान से प्रोफेसर हरि निर्मोही आगरा, रामशरण पीतलिया स्मृति सम्मान से डॉ. रामदास शर्मा भरतपुर, राजेंद्र कुमार भंडारी स्मृति सम्मान से डॉ. रामस्वरूप उपाध्याय सरस वृंदावन, आचार्य चौब सिंह स्मृति सम्मान से डॉ. पदम सिंह पदम, ठाकुर राधा किशन सिंह ठाकरे स्मृति सम्मान से डॉ. दिनेश पाठक श्री मथुरा, कवि श्री राजा बाबू बर्मन सरस स्मृति सम्मान से श्री सत्य प्रकाश शर्मा सोटानंद वृंदावन एवं डॉ. भगवान दास कीर्तनकार मकरंद कामवान को सम्मान एवं ब्रजभाषा मनीषी की मानक उपाधि से विभूषित किया गया। कार्यक्रम का आरंभ लोक संगीत मर्मज्ञ श्रीमती मधु अग्रवाल एवं राहुल शर्मा के सरस्वती वंदना एवं लोकगीतों से हुआ।

इस अवसर पर ब्रजभाषा उपनिषद कार्यक्रम में विद्वान प्रस्तोताओं द्वारा विविध विषयों पर पत्र वाचन किया गया। कासगंज मथुरा के विद्वान डॉ. श्रीकृष्ण शरद ने विलुप्त होते ब्रज संस्कार गीत, डॉ. रामदास शर्मा भरतपुर ने ब्रज की लोक कथान माँहिं राष्ट्रप्रेम, डॉ. वेद प्रकाश शर्मा वेद नगर द्वारा ब्रज नाटक माँहिं राष्ट्रभक्ति को भाव, डॉ श्री सुरेश कुमार शर्मा भरतपुर द्वारा ब्रज साहित्य में राष्ट्रीय भावना, श्री नरेंद्र निर्मल भरतपुर द्वारा ब्रज लोकगीतन में राष्ट्रीय चेतना सत्य प्रकाश शर्मा द्वारा कृष्ण भक्ति काव्य माँही राष्ट्रप्रेम, अशोक अज्ञ वृंदावन द्वारा ब्रज के अनूठे कवि राजा बाबू बर्मन सरस पर शोध परक पत्र वाचन प्रस्तुत किया। ब्रजभाषा के आमंत्रित कवियों एवं रचनाकारों द्वारा इस अवसर पर समस्या पूर्ति कार्यक्रम किया गया। कवियों एवं आमंत्रित रचनाकारों ने छंद एवं सवैयों को प्रस्तुत कर कार्यक्रम को रोचक बनाया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान प्रधानमंत्री श्री श्याम प्रकाश देवपुरा द्वारा किया गया। सम्मानित विद्वानों के गद्यात्मक एवं पद्यात्मक परिचय श्री हरि ओम हरि द्वारा प्रस्तुत किया गया।

समारोह के प्रथम दिवस के रात्रिकालीन सत्र में अखिल भारतीय ब्रजभाषा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की शुरुआत वरिष्ठ कवि श्री राधा गोविंद पाठक ने सरस्वती वंदना से की। कामवन से पधारे कवि भगवान मकरंद ने ब्रजनाथ की अनूठी वंदना प्रस्तुत कर सभी को तालियां बजाने के लिए मजबूर किया। वृंदावन के व्यंग्यकार एवं कवि श्री सत्य प्रकाश शर्मा सोटानंद में अपने दोहों एवं कुंडलियों के माध्यम से राजनीति पर एवं सामाजिक विसंगतियों पर चुटीली रचनाएं प्रस्तुत की।

आगरा के वरिष्ठ कवि श्री शिवसागर शर्मा ने लोकगीत एवं ब्रज के छंदों के माध्यम से श्रृंगारिक गीतों से वातावरण को सुहावना बनाया। बलदेव के कवि श्री नारायण सिंह ने होली एवं फागुन पर अपनी अनूठी प्रस्तुति दी। परसोली गोवर्धन के लोकगीतकार श्री गोपाल प्रसाद गोप ने ब्रजराज एवं ब्रज सर्वेश्वरी पर अपने छंदों के माध्यम से श्रोताओं को आनंदित किया। भरतपुर के व्यंग्यकार श्री हरि ओम हरि ने अपने व्यंग के माध्यम से सामाजिक विद्रूपताओं को उजागर करने का प्रयास किया एवं श्रोताओं से तालियां बजाने पर मजबूर किया। वहीं वरिष्ठ कवि श्री राधा गोविंद पाठक जी ने होली और फागुन के गीतों के माध्यम से श्रोताओं को आनंदित एवं खुशी में शराबोर किया।

कार्यक्रम का संचालन श्री हरि ओम हरि ने किया। इस अवसर पर नगर के कवि श्री हरिश्चंद्र हरि, अभिषेक अमर, भरतपुर के कवि श्री अशोक धाकरे, श्री गोविंद सिंह डागुर, श्री नरेंद्र निर्मल, श्री सुरेश कुमार शर्मा, वृंदावन के कवि श्री अशोक अज्ञ, मथुरा के कवि श्री रविंद्र पाल रसिक ने अपनी अनूठी रचनाओं से सभी को आनंदित किया।

ब्रजभाषा पाटोत्सव समारोह के द्वितीय दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि विद्वान मनीषी भागवत प्रवक्ता श्री मदन मोहन शर्मा ने कहा आज मनुष्य अंधी दौड़ में दिशाहीन हुए भागे जा रहा है। उसे स्वयं को पता नहीं कि वह किस तरफ किसके हितार्थ दौड़ रहा है। लेकिन साहित्य और शब्दों के भंडार साहित्यकार ही वह लोग हैं जो जीवन के एक-एक क्षण को जी रहे हैं। अपने शब्दों के माध्यम से वह समाज और देश को जीना सिखा रहे हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ब्रज के वरिष्ठ रचनाकार वेद प्रकाश शर्मा ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा “आज साहित्य मंडल हिंदी भाषा के संवर्धन और संरक्षण में एकमात्र वृहद संस्था के रूप में परिस्थितियों से जूझ रहा है, देवपुरा जी ने जो साहित्य की ज्योति को प्रज्ज्वलित किया है, उसे श्याम देवपुरा ने और अधिक प्रगतिमान बनाया है। यह ज्योति इसी प्रकार आगे प्रज्ज्वलित होती रहे। इसके लिए आज ब्रजभाषा एवं हिंदी भाषा की साहित्यकारों को पूर्ण रूप से सहयोग करना वांछित है।

अलीगढ़ के विख्यात मनीषी एवं साहित्यकार श्री नरेंद्र शर्मा नरेंद्र ने अपने उद्बोधन में कहा की आज साहित्यकारों की कद्र उनका सम्मान एवं उन्हें पूर्ण सहयोग देने के लिए श्री भगवती प्रसाद जी देवपुरा ने साहित्य मंडल संस्था को एक मशाल के रूप में स्थापित किया है, जिसे आज भी श्री श्याम देवपुरा ने आगे बढ़ाया है। साहित्य मंडल आज देश की एक विशाल एवं वृहद संस्था है इसके प्रयास स्तुत्य और प्रशंसनीय है। इस अवसर पर विदुषी साहित्यकार डॉ संतोष यादव ने कहा आज साहित्य मंडल ही एकमात्र वह संस्था है जहां हिंदी ब्रज का सम्मान होता है। इस संस्थान में देश की संपूर्ण संस्कृतियों का मिलन दिखाई देता है। पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण सभी अंचलों से साहित्यकार यहां आकर स्वयं को गौरवान्वित करते हैं।

इस अवसर पर ब्रजभाषा एवं ब्रज संस्कृति को समर्पित साहित्यकार महेश जैन ज्योति, मथुरा, श्री कृष्ण चंद्र गौड, राधाकुंड, महाराम सिंह मृदुल, इटावा, श्याम सिंह जघीना मधुर भरतपुर, गोविंद सिंह डागुर भरतपुर, रविंद्र पाल सिंह रसिक मथुरा गोपाल चरण शर्मा वृंदावनश्री अभिषेक शर्मा अमर नगर पवन पराशर कामवान गौरव गोस्वामी नंदगांव श्री अनिल कुमार शर्मा अनिल गोवर्धन श्रीमती अंजू सिंह एटा को ब्रजभाषा विभूषण की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का संचालन श्री श्याम प्रकाश देवपुरा एवं साहित्यकारों के गद्यात्मक एवं पद्यात्मक परिचय हरि ओम हरि एवं डॉ. भगवान मकरंद द्वारा प्रस्तुत किया गया।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार