यह समाचार जब आप पढ़ रहे होंगे, तब तक इंडोनेशिया के राष्ट्रपुरुष कहे जाने वाले सुकार्णों की तीसरी बेटी, सुकमावती सुकर्णपुत्री यह इस्लाम छोड़ कर हिन्दू धर्म में प्रवेश कर चुकी हैं. हिन्दू धर्म में प्रवेश का यह गरिमामय समारोह, बाली प्रांत के बाले अगुंग सिंगराजा बुलेलेंग रेजेंसी में सुकर्णो सेंटर हेरिटेज एरिया में आयोजित किया गया. पारंपारिक वेद मंत्रों के बीच, सुकुमावती सुकर्णपुत्री ने अपने सत्तर वर्ष की आयु में हिन्दू धर्म में प्रवेश किया. ‘सुधी वदानी’ (‘शुध्दी विधान’) नामक इस कार्यक्रम में, कोरोना प्रोटोकॉल के चलते निमंत्रितों को ही प्रवेश दिया गया. इस विधान में सुकुमावती सुकर्णपुत्री ने शुध्दी विधान के पारंपारिक मंत्रों के पश्चात ‘नारायण मंत्र’ (इंडोनेशियन भाषा में ‘पूजा त्री संध्या’) और ‘गायत्री मंत्र’ का पाठ किया.
इंडोनेशिया यह विश्व में सबसे ज्यादा मुस्लिम जनसंख्या का देश हैं. सुकुमावती सुकर्णपुत्री का इंडोनेशिया में अपना स्थान हैं. वह इंडोनेशिया की ‘इंडोनेशियन नेशनल पार्टी (Partai Nasional Indonesia-PNI) की संस्थापिका हैं. उनकी बड़ी बहन मेघवती सुकर्णपुत्री यह इंडोनेशिया की राष्ट्रपति रह चुकी हैं. ऐसे व्यक्तित्व का हिन्दू धर्म में प्रवेश, यह इंडोनेशिया में हिन्दुत्व के प्रति बढ़ते आकर्षण को निश्चित बल देगा.
सुकुमावती सुकर्णपुत्री ने यह निर्णय काफी सोच समझकर, अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ चर्चा करने के बाद लिया हैं. उनका हिन्दू धर्म का गहन अध्ययन हैं. उनकी बहन और पूर्व राष्ट्रपति मेघवती सुकर्णपुत्री का उनके इस निर्णय पर सक्रिय समर्थन हैं. पूरा परिवार सुकुमावती सुकर्णपुत्री के साथ खड़ा हैं.
*इस समय इंडोनेशिया में हिन्दू धर्म को मानने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं.* इस समय इंडोनेशिया मे १.७५% हिंदू हैं. अपने पुराणों में ‘यव द्वीप’ नाम से जिसका उल्लेख आता हैं, वह इंडोनेशिया का ‘जावा द्वीप’ हैं. इस जावा प्रांत की राजकुमारी Kanjeng Raden Ayu Mahindrani Kooswidyanthi Paramasi ने दिनांक १७ जुलाई, २०१७ को एक भव्य ‘सुधी वदानी’ में हिन्दू धर्म का स्वीकार किया था. बाली के Pura Luhur Catur Kanda Pat Sari इस मंदिर में यह विधान संपन्न हुआ था. इंडोनेशिया में कुछ हजार मुस्लिमों ने अभी छह – सात माह पहले हिन्दू धर्म में प्रवेश किया हैं. शांत और संयत हिन्दू जीवन पध्दति इन सब को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं.