मित्रों। मैं अंजनी कुमार सिंह हूँ। मैं सोनभद्र, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। आर्यसमाज पेज के माध्यम से अपनी आपबीती सुनना चाहता हूँ।
दोस्तों मैं अपने साथ घटित एक घटना को आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ। शायद यह घटना आपके साथ भी घटी हो—
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ये घटना जुलाई 2016 की है। मेरा छोटा भाई मलेरिया बुखार से पीड़ित था। मैंने रेनुकूट के hindalco hospital, gov. hospital के साथ कई हॉस्पिटल में भर्ती कराया लेकिन सब ने हाथ खड़े कर दिए।
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अंत मे हम रॉबर्ट्सगंज(सोनभद्र) के “JIVAN JYOTI CHRISTIAN HOSPITAL” गये। जहाँ उसे हमनें एमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया।उस समय मैं ये देख कर हैरान रह गया कि एमरजेंसी वार्ड के कमरों में वो भोंपू लगे हुए थे जो कि सामान्यतया रेलवे स्टेशनों पर अनाउंसमेंट के लिए उपयोग किया जाता है। भोंपू से तेज आवाज में कोई गाना बजाया जा रहा था जो कि शायद बाइबिल से संबंधित था।
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सामने से एक नर्स आ रही थी।उससे मेरी बहस हो गयी।
मैं-“आप इस भोंपू को बंद क्यों नहीं करती”
नर्स- क्यों बंद करें आपको क्या परेशानी है।
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मैं-“मैं पहली बार ऐसा हॉस्पिटल देख रहा हूँ इमरजंसी वार्ड में रेलवे का लाउडस्पीकर लगा है इससे मरीजों को परेशानी होती है”
इस बात पर काफी बहस हुई अंत में डॉक्टर आये और कहा ये दो मिनट बाद बंद हो जाएगा।
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फिर जब मेरे भाई की तबियत ज्यादा खराब हो गयी। और वो बुखार से छटपटाने लगा।
(तब वे अपनी औकात पर आ गए और अपना conversion card खेला। उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं था कि ये कितनी तकलीफ में हैं।)
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तभी एक काली सी औरत हमारे पास आयी और बोली–
“मैं आपके बेटे के लिये परमेश्वर(जीसस) से प्रार्थना करूँ।”
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हमने रुआंसे हुए हामी भर दी। और वो प्रार्थना करने लगी।
“हे परमेश्वर अमित बहुत बीमार है उसका भाई और माँ आपकी शरण में आये हैं उसके भाई को ठीक कर दे परमेश्वर”
तभी एक नर्स आयी और बड़ी चालाकी से इंजेक्शन लगा दिया।
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(मैं उनका कारनामा ध्यान से देख और समझ रहा था लेकिन कुछ कहा नहीं)
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नर्स-“मैंने आपके बेटे के लिए परमेश्वर से प्रार्थना की है अब वो जल्दी ही ठीक हो जाएगा। आप केवल परमेश्वर(जीसस) पर विश्वास कीजिये।
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फिर मेरी माँ ने कहा,”हम तो सभी भगवान को एक ही मानते है बस उनके रूप अलग अलग हैं। हैम मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा सब में विश्वास करते हैं”
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इस बात पर वो भड़क गई और बोली–
“इतने सारे भगवान पर विश्वास मत कीजिये ऐसे कोई भी बचाने को नहीं आएगा। केवल परमेश्वर(जीसस) पर भरोसा कीजिये।”
लेकिन मेरी मां ने वापस अपनी बात दोहराई।
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इस पर खीझ कर वो कहने लगी–
“आपको सभी पर विश्वास आपको ही मुबारक हो और एक कुतर्क भी दिया।”
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मैंने अब इसकी ढोल बजाने की सोंची
और कहा–
“मैं उस ईश्वर में विश्वास रखता हूँ जो कि निराकार है सृष्टि की रचना करने वाला है,सबको एक समान समझता है,सबका भला चाहता है,आपके परमेश्वर की तरह नहीं जो…………???”
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मैं इसके आगे बोलता उससे पहले ही वो वहाँ से बड़बड़ाते हुए भाग गई। और फिर दिखाई नहीं दी”
फिर हम अपने भाई को वहाँ से डिस्चार्ज कराके BHU वाराणसी ले गए।
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तो आप लोग अब समझ सकते हैं कि किस तरह से ये मिशनरी वाले लोगों को बेवकूफ बना कर धर्म परिवर्तन करते हैं, (PARACETAMOLखिला कर)
वैसे ये लोग धर्म परिवर्तन का काम एक वर्ग विशेष के साथ ही करते हैं लेकिन हमारी तकलीफ देखकर वे हम पर भी हाथ आजमाने चले आये।
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ऐसे लोगों पर ध्यान दें और उनको मुँहतोड़ जवाब दें।
ईसाईयों का धर्म परिवर्तन का पाखंड
एक निवेदन
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