नई दिल्ली। सिंगापुर के प्रमुख निवेश मंच फण्डनेल ने भारत के प्रमुख क्राउडफंडिंग मंच इम्पैक्ट गुरु के साथ अंतर्राष्ट्रीय करार किया गया है जिसमें भारत की सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए दान और पूंजीनिवेश के माध्यम से उपक्रम किये जायेंगे। विशेषतः दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित प्रवासी भारतीयों को दान और पूंजीनिवेश के लिए प्रेरित किया जाएगा। भारत में सेवा और परोपकार के कार्यों में इस तरह के निवेश का अभी प्रचलन नहीं है।
भारत के लिए यह पहला अवसर है जब एक सामाजिक क्राउडफंडिंग मंच ने एक विदेशी निवेश क्राउडफंडिंग मंच के साथ मिलकर करार किया है जिसमें वित्तीय समावेशन, स्वच्छ तकनीक, शिक्षा, पानी और स्वच्छता, और स्वास्थ्य सहित क्षेत्रों में निवेश के अवसरों की व्यापक संभावनाएं देखी जा रही है।
इस भागीदारी को भारत के लिए इसलिए भी संभावना भरा माना जा रहा है क्योंकि फण्डनेल जैसे अंतर्राष्ट्रीय क्राउडफंडिंग मंच से करार हुआ है इससे भारत में सेवा और परोपकार के कार्यों में हांगकांग, मलेशिया और इंडोनेशिया में बसे अनिवासी भारतीयों एवं भारतीय मूल के व्यक्तियों को पूंजीनिवेश के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। इन देशों में लगभग 25 लाख भारतीय बसे हैं जिन्हें भारत की सामाजिक जरूरतों के लिए जागरूक किया जायेगा।
इम्पैक्ट गुरु के सह संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री पीयूष जैन इस करार से उत्साहित हैं। सन 2014 में स्थापित इम्पैक्ट गुरु एक गैर लाभकारी सामाजिक विषयों से जुड़ा मंच है जो हाॅवर्ड इनवेशन लैब के नवीन खोजकारी उद्यम एवं प्रोत्साहन कार्यक्रम से प्रेरणा एवं प्रशिक्षण पाने के पश्चात सिंगापुर के पैक्ट सोशल इंटरप्राइज इनक्यूबेटर के साथ मिलने से भारत के लिए नवीन निवेश का रास्ता खुला है।
श्री पीयूष जैन के अनुसार भारत में करीब तैंतीस लाख गैर लाभकारी संगठनों को आज भी धन जुटाने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि वे आज भी परम्परागत वैकल्पिक साधनों का उपयोग करते हैं। श्री जैन के अनुसार फण्डलेन के साथ इम्पैक्ट गुरु के हुए इस करार से भारतीय गैर लाभकारी उपक्रमों में अंतर्राष्ट्रीय पूंजीनिवेश में बढ़ोतरी होगी। श्री जैन हार्वर्ड और वार्टन जैसे अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों के साथ लंबे समय से जुड़े रहे हैं। उन्होंने जेपी मार्गन, बोस्टन कंसल्टिंग गु्रप, अर्नस्ट एंड यंग जैसे अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संगठनों के साथ सेवा का तर्जुबा पाया है।
विश्व बैंक के नवाचार और उद्यमिता यूनिट 2013 के एक अध्ययन में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर क्राउडफडिंग के बाजार में सन् 2025 तक वैश्विक पूंजीनिवेश लगभग 90 से 96 अरब डाॅलर के बीच पहुंच जायेगा जो वर्तमान वैश्विक पूंजीनिवेश की तुलना में 1.8 गुणा ज्यादा होगा। इम्पैक्ट गुरु और फण्डलेन का करार प्रारंभिक अवस्था में छोटे निवेशकों की जरूरतों को पूरा करेगा। यह दान देने वाले और दान प्राप्त करने वालों के बीच सेतु का काम करेंगे। जो भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया और दुनिया के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन का प्रतिनिधित्व होगा। इससे क्राउडफडिंग के माध्यम से बड़ी जरूरतों को पूरा करने का मार्ग खुलेगा। क्राउडफडिंग के माध्यम से सामाजिक जरूरतों के लिए, परोपकारी कार्यों के लिए पंूजी जुटाने की दृष्टि से यह एक क्रांतिकारी दौर होगा। यह कहना है क्राउडफडिंग विशेषज्ञ श्री सेम रेमंड जो विश्वबैंक के नवाचार और उद्यिमता यूनिट से जुड़े हैं।
विदित हो कि इम्पैक्ट गुरु इससे पहले भी अनेक गैर मुनाफे के संगठनों के साथ जुड़कर अपनी सेवाएं दे चुका है जिनमें आॅक्सफेम, एसओएस बाल ग्राम, हैविडेट फाॅर हयूमिनिटी, सीएसआर विभाग- टाटा, गोदरेज, वाॅकहार्ट आदि हैं। वह डेलबर्ग और आशा इम्पैक्ट जैसे संगठनों की तरह ही अपना विस्तार करना चाहता है। श्री जैन ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि इम्पैक्ट गुरु के माध्यम से आगामी दो वर्षों में पचास करोड़ के सामाजिक सेवा एवं परोपकार के कार्य का लक्ष्य हासिल करेंगे, जो पूंजीनिवेश या दान के माध्यम से जुटाया जायेगा।
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(बरुण कुमार सिंह)
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