कोटा। किसानों की आय बढ़ानी है तो हमें कृषि के क्षेत्र में नवाचार और आधुनिकीकरण पर जोर देना होगा। इसके लिए आवश्यक है कि वैश्विक आवश्यकताओं के मद्देनजर किसान, कृषि वैज्ञानिक, व्यापारी और नियएक मंच पर आकर न सिर्फ उत्पादित की जाने वाली फसल बल्कि मात्रा भी तय करें। इससे ही हम किसानों को कृषि उपज की अच्छी लागत दिलवा सकेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को यह बात अखिल भारतीय वृहद धनिया सेमिनार का उद्घाटन करते हुए कही।
संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के तीन दिवसीय प्रवास पर आए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने बूंदी रोड स्थित एक रिजॉर्ट में आयोजित सेमिनार में कहा कि मसाला उत्पादन के क्षेत्र में भारत का विश्व में अग्रणी स्थान है। गुणवत्ता के मामले में भी भारतीय मसालों को कोई सानी नहीं है। धनिया के क्षेत्र में भी हम विश्व में अहम स्थान रखते हैं। राजस्थान में भी धनिया का बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है और इसमें कोटा संभाग सबसे आगे है। इसका श्रेय जलवायु के साथ यहां किसानों के अथक परिश्रम को जाता है।उन्होंने कहा कि समय के साथ अब कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों की आवश्यकता है। इसके लिए आवश्यक है कि हम परम्परागत खेती में नवाचारों और आधुनिकीकरण को भी सम्मिलित करें।
व्यापारी और निर्यातक इस बात का आकलन करें कि वैश्विक स्तर पर किस फसल की मांग अधिक है। उसी अनुरूप किसान, व्यापारी और निर्यातक मिलकर उत्पादन के संबंध में निर्णय लें।कृषि विद्यार्थियों को बनाएंगे किसान का साथीलोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि किसानों की तरक्की में कृषि वैज्ञानिकों की भी भूमिका अहम है। कृषि वैज्ञानिक किसानों को समय पर सटीक सलाह देगें तो वे गुणवत्तापूर्ण उत्पादन का मार्ग प्रशस्त करेगा। कोटा-बूंदी के किसानों की खुशहाली की जिम्मेदारी मेरी है, इसके लिए जल्द ही कोटा में कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि वैज्ञानिकों का एक सेमिनार आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों को पांच-पांच गांवों की जिम्मेदारी देने का प्रयास किया जाएगा ताकि वे वहां जाकर वैज्ञानिक खेती को प्रोत्साहित कर सकें। इससे किसानों और कृषि विद्यार्थियों दोनों को लाभ मिलेगा। कृषि उपजमंडी की भूमिका भी बदलेलोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि कृषि उपज मंडियों को भी अब अपनी भूमिका में बदलाव पर विचार करना चाहिए। कृषि उपज मंडिया किसानों के लिए सिर्फ कृषि उत्पाद की बिक्री का केंद्र बनकर नहीं रहें। कृषि उपज मंडियों कृषि और किसानों की उन्नति का माध्यम बने। किसानों के लिए समय-समय पर जानकारी वाले कार्यक्रम आयोजित कर, उनकी कृषि विशेषज्ञों से भेंट आयोजित कर कृषि उपज मंडियां किसानों की स्थिति सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
कोटा प्रवास के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कोटा के प्रथम उपमहापौर मणीभाई पटेल की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविर में भी भाग लिया। इस अवसर पर मणीभाई का स्मरण करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वे गुजरात से व्यापार के लिए कोटा आए, लेकिन यहां आकर उन्होंने राजनीतिक-सामाजिक क्षेत्र में अपनी एक विशिष्ट छवि स्थापित की। उनका जीवन आज के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस दौरान उन्होंने स्वयं व मणीभाई से जुड़ी कुछ यादें भी साझा कीं।
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