Saturday, November 23, 2024
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आईआरसीटीसी को फ्लिपकार्ट की तर्ज पर बनाया जाएगा

रेल विभाग  आईआरसीटीसी को बुलंदी पर ले जाने के लिए  सरकार का सरकार चाहती है कि आईआरसीटीसी फ्लिपकार्ट का अनुसरण करे। इसलिए देश के बड़े ई-कॉमर्स पोर्टलों में से एक को चलाने वाले करने वाले इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिजम कॉर्पोरेशन ने अपना मूल्यांकन करने और इसे बढ़ाने में मदद करने के लिए एक कंसल्टेंट की सेवा लेने की योजना बनाई है। कंपनी के इस कदम को पब्लिक लिस्टिंग की दिशा में पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है। चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ए.के.मनोचा ने बताया, 'हम साइट से अपनी ग्रोथ बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। हमें सरकार से फ्लिपकार्ट की तरह ग्रोथ करने के लिए कहा गया है।'

नाम न छापने की शर्त पर एक सूत्र ने बताया, 'सरकार रेलवे की संपत्तियों को कमाऊ संपत्ति में बदलना चाहती है। आईआरसीटीसी ने कंसल्टेंसियों से बात करना शुरू कर दिया है। अभी यह सिर्फ मूल्यांकन है और कंपनी देखना चाहती है कि आईपीओ से कितनी कमाई हो सकती है। अभी इसने आईपीओ मॉडल को नहीं अपनाया है, सिर्फ आंकड़ा जमा कर रही है।' मनोचा ने विशेष रूप से
एमपी मॉल के वित्त निदेशक ने ईटी को बताया, 'इंडियन रेलवे की इस यूनिट को उम्मीद है कि ई-टिकटिंग में ग्रोथ और पिछले साल कई नई ट्रेनें चलाने के परिप्रेक्ष्य में 31 मार्च को समाप्त हो रहे साल में 1,000 करोड़ के राजस्व में 85 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हो।' मनोचा ने बताया कि नई सर्विसेज और ऐडवर्टाइजिंग रेवेन्यू की मदद से अगले वित्तीय वर्ष में लाभ को 35 फीसदी बढ़कर 115 करोड़ रुपये होने की उम्मीद की जाती है। आईआरसीटीसी 2025 तक 10,000 करोड़ कमाई का लक्ष्य रख रही है। अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों की तुलना में आईआरसीटीसी की स्थिति भिन्न है। अपने ऑपरेशन के 6 सालों बाद नुकसान होने के बावजूद फ्लिपकार्ट की वैल्यू 11 बिलियन डॉलर यानी करीब 700 अरब रुपये है। इसके बावजूद आईआरसीटीसी की सही वैल्यूएशन नहीं हो रही है।

सूत्रों ने ईटी को बताया कि आईआरसीटीसी के लिए ई-टिकट सेगमेंट बिजनस का अहम हिस्सा है। आईआरसीटीसी हर साल 20,000 करोड़ रुपये की ई-टिकट बेचती है जो फ्लिपकार्ड के करीब 25,000 करोड़ रुपये के ग्रॉस मर्चैंडाइज सेल्स से कम है। आईआरसीटीसी बेची गई हर टिकट पर कमिशन अर्जित करता है जो इसके रेवेन्यू का 30 फीसदी और लाभ का 60 फीसदी है। अन्य सेगमेंट्स कैटरिंग और टूर पैकेजों से 30 फीसदी रेवेन्यू प्राप्त होता है, जिनका वैल्यूएशन बहुत ही कम होता है।

यात्रा डॉट कॉम के एक निवेशक और आईडीजी वेंचर्स के संस्थापक एवं चेयरमैन सुधीर सेठी ने बताया कि आईआरसीटीसी के रेवेन्यू और वैल्यूएशन कम होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इसका सिर्फ एक ही ग्राहक है इंडियन रेलवे। ग्राहकों का दायरा यदि बढ़ाया जाए तो कंपनी के रेवेन्यू पर असर पड़ेगा। इसलिए अब आईआरसीटीसी ने अपनी रणनीति में अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ाने और ऐडवर्टाइजरों को स्पेस बेचकर कमाई बढ़ाने को लक्ष्य को शामिल किया है।

साभार- इकॉनामिक टाईम्स से

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