नई दिल्ली: आगामी जयपुर साहित्य महोत्सव (जेएलएफ) में इस बार विज्ञान चर्चा के केंद्र में रहेगा जहां कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), आनुवंशिकी (जेनेटिक्स), मानव सभ्यता खत्म होने के बाद का भविष्य, जलवायु परिवर्तन गल्प (क्लाइ फाई) जैसे विषयों पर सत्र आयोजित होंगे. सोमवार शाम को जेएलएफ के 12वें संस्करण में शामिल कार्यक्रमों पर से पर्दा उठने के बाद सह निदेशक नमिता गोखले ने बताया कि इस साल साहित्य उत्सव में ‘‘विज्ञान’’ पर ज्यादा जोर होगा, ऐसा विषय जिसपर वे आगे और काम करना चाहेंगे. “पारो : ड्रीम्स ऑफ पैशन” की लेखिका ने कहा, “हमारी दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है..इस साल हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जेनेटिक्स और हमारे ग्रह के भविष्य पर सत्र आयोजित करेंगे.
एक नयी शब्दावली आई है – क्लाई फाई. इस विषय पर हम एक बेहद मनोरंजक सत्र आयोजित करने जा रहे हैं कि अगर मधुमक्खियां न रहें तो क्या होगा. गोखले ने कहा, “मुझे लगता है कि इस वक्त हमारे देश में यह बहुत जरूरी है कि अनुभवजन्य विचारों को प्रोत्साहित किया जाए. ’’ नोबेल पुरस्कार विजेता वेंकी रामाकृष्णन “विज्ञान की आवश्यकता” , ब्रह्माण्ड विज्ञानी प्रियंवदा नटराजन ‘आकाश के मानचित्रण’ और आर्टिफिशियल इंटेलिंजेंस के प्राध्यापक टॉबी वॉल्श ‘अभी भविष्य कैसा दिखता है’ विषयों पर बोलेंगे.
पांच दिवसीय उत्सव 24 जनवरी से जयपुर के दिग्गी पैलेस में शुरू होगा. साहित्य उत्सव में दुनिया भर के लेखक, विचारक, मानव अधिकारों के हिमायती, राजनेता, कारोबारी दिग्गज, खेल से जुड़े लोग एवं मनोरंजन जगत से जुड़े व्यक्तियों समेत करीब 350 वक्ता शिरकत करेंगे. सोमवार शाम को आयोजित समारोह के जरिए एक झलक पेश करने की कोशिश की गई कि इस साल यह महोत्सव आपके लिए क्या कुछ लेकर आने वाला है.