उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खां को सियासत में चुनौती दे कर रामपुर से सांसद बनीं फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा अब मंत्री के खौफ के चलते जिलाबदर जैसी स्थिति में आ गई हैं। उन्हें उनके ही संसदीय क्षेत्र में न तो कोई होटलवाला कमरा दे रहा है और न अधिकारी लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में ही ठहरने दे रहे हैं। ऐसे में वह दिन तो किसी तरह अपने क्षेत्र में काट लेती हैं, लेकिन रात होते ही रामपुर छोड़ देती है। उनकी हर रात अब मुरादाबाद शहर में कटती है और दिन अपने क्षेत्र में पीड़ा बताते हुए।
कुछ ऐसा ही हुआ बुधवार को। आजम के विरोध के बावजूद सांसद बनीं जयाप्रदा अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंची तो उनकी पीड़ा जुबान पर आ गई। आजम खां के खौफ को जुल्म की इंतेहा बताते हुए उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री आजम मुझे संसदीय क्षेत्र रामपुर में नहीं रहने दे रहे हैं। मैं अपने दौरे के वक्त यहां मोदी होटल में रुकती थीं, लेकिन मंत्री ने उसके मालिक को धमका दिया कि सांसद को होटल में रोका तो होटल तुड़वा दिया जाएगा। इसके बाद होटल वालों ने मुझको कमरा देना बंद कर दिया। उनके खौफ से पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में भी अफसर कमरा नहीं देते। मजबूरन मुरादाबाद में रात बितानी पड़ती है।
सांसद की पीड़ा उनके चेहरे पर साफ दिख रही थी। उनकी बातों में इस दुख से पार पाने की तड़प भी दिख रही थी। पर खौफ सब पर भारी था। शायद इस खौफ से मुक्त होने के लिए ही उन्होंने अपनी पीड़ा से आजम के धुर विरोधी नवेद मियां की पीड़ा को जोड़ लिया। वह आजम पर आक्रामक होते हुए बोलीं, आजम विरोधियों की दुकानों व मकानों को तुड़वा रहे हैं। नवाबी दौर में बने तमाम गेट तोड़े गए हैं। किला तो कोर्ट से स्टे मिलने की वजह से बच गया है। इस संबंध में मैंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी पत्र लिखाहै। गेट तोड़ने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। यहां जो गेट तोड़े गए हैं, उन्हें सांसद निधि से बनवाने की कोशिश करूंगी।
इस हौसले के बावजूद आजम खां का डर उनके चेहरे पर साफ दिख रहा था, जिसे वह चाह कर भी छिपा नहीं पाई और बोलीं, लोग विरोध करते हैं तो आजम उनको जेल भिजवा देते हैं। अगर मैं भी विरोध करूं तो मुझे भी बुलडोजर से फिंकवा देंगे।