द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए मॉरीशस यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वहां विश्व हिंदी सचिवालय की आधारशिला रखी। पीएम ने पोर्ट लुई में भाषण देते हुए कहा,'150 साल पहले हमारे पूर्वज मॉरीशस में हिंदी भाषा लेकर आए। इस तरह से भारत की संस्कृति को भी वे अपने साथ लाए थे। मॉरीशस ने हिंदी साहित्य की बहुत सेवा की है और यहां का अपना हिंदी साहित्य है।'
पीएम ने आगे कहा, भाषा की अपनी एक ताकत होती है। भाषा भाव की अभिव्यक्ति का बहुत बड़ा माध्यम है। मातृ भाषा सीधे दिल से निकलती है, जबकि अन्य भाषा को बोलने में दिमाग लगता है। यहां लघु भारत देखकर अपनेपन का एहसास हुआ है। यहां की हिंदी में मजदूरों के पसीने की महक है। उन्होंने कहा कि भारत की मदद से विश्व हिंदी सचिवालय भी बना।
इससे पूर्व उन्होंने वहां 'गंगा तलाव' जाकर पूजा-अर्चना की। यहां शिवलिंग की पूजा करने के बाद पीएम ने तलाव में गंगा जल भी प्रवाहित किया। गंगा तलाव पोर्टलुई से करीब 50 किलोमीटर दूर पहाड़ियों की गोद में स्थित है। थोड़ी देर बाद वे मॉरीशस की संसद को संबोधित करते हुए भारत से रिश्तों की मधुरता के लिए अपना विजन उनके सामने रखेंगे। पीएम मॉरीशस के राष्ट्रीेय दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं। यह उनके दौरे का आज दूसरा और आखिरी दिन है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगनाथ के साथ दोनों देशों के बीच समुद्री अर्थव्यवस्था सहित पांच समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए। समझौतों पर हस्ताक्षर करते हुए मोदी ने कहा कि वह मॉरीशस के असैन्य इ्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए 50 करोड़ डॉलर के रियायती कर्ज की पेशकश कर काफी खुश हैं। भारत की मंशा मॉरीशस में जल्द से जल्द पेट्रोलियम भंडारण हेतु गोदाम बनाने की भी है।
इसके अलावा भारत ने अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए मॉरीशस को 50 करोड़ डॉलर का रियायती कर्ज देने की पेशकश भी की है। वहीं दोनों देश दोहरा कराधान समझौते की समीक्षा पर सहमत हुए हैं ताकि उसका दुरुपयोग रोका जा सके।
मॉरीशस में मोदीजी ने रखी विश्व हिन्दी सचिवालय की आधारशिला
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