भारतीय पुस्तकालय विज्ञान के जनक डा. एस.आर. रंगानाथन की 129 वीं जयंती सह “ राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस” के दिवस पर “पब्लिक लाईब्रेरीज , सिटीजंस एण्ड डेमोक्रेसी ” विषय पर राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा मे एक दिवसीय वर्चुअल “ विमेन्स लाईब्रेरीयन सम्मिट” का आयोजन किया गया। सम्मिट में डा. गोपाल कृष्ण भट” आकुल” द्वारा लिखित पुस्तक “कोरोना” के तीसरे खण्ड का नवचयनित आर.ए.एस जिज्ञासा ने किया लोकार्पण किया। पुस्तकालय की पाठक होने के नाते पुस्तकालय का गौरव बढाने के लिये डॉ ज़िज्ञासा शर्मा का अभिननदन किया। साईकिल से भारत भ्रमण पर निकले लेखक हिंद द्वारा लिखित पुस्तक बिटिया पर चर्चा की तथा बोले “ दी लेटर टू प्राईम मिनिस्टर” मेरी अपकमिंग पुस्तक तथा मेरी माननीय प्रधानमंत्री से दर्ख्वास्त की वह बिटिया को समर्पित विश्वविधालय बनायें । इसी लिये मे साईकिल से देश मे भ्रमण पर निकला हूं।
मुख्य अतिथि डा. निजा सिंह , लाईब्रेरीयन टी.एस. स्टेट सेंट्रल लाईब्रेरी चन्दीगढ एवं ईफ्ला इलेक्ट मेम्बर मेट्रोपोलिस लाईब्रेरी , अध्यक्षता डा. प्रितिमा व्यास लाईब्रेरीयन अकलंक ग्रुप ऑफ एज्युकेशन तथा विशिष्ठ अतिथी प्रिति शर्मा लाईब्रेरीयन जवाहर लाल नेहरु शिक्षक प्रशिक्षण महाविधालय कोटा तथा गेट ऑफ ऑनर डॉ जिज्ञासा शर्मा , फिजीयोथेरेपिस्ट (नव चयनित आर.ए.एस.) रहे ।इस अवसर पर डा नीजा सिह ने कहा कि – पुस्तकालय और समाज एक दूसरे की आवश्यकता है। ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए पुस्तकालय का होना बहुत आवश्यकता है। डा. ज़िज्ञासा शर्मा ने ग्रामीण क्षेत्रों को पुस्तकालय से जोड़ने पर जोर दिया। कहा कि ऐसे माता-पिता जो अपने बच्चों के लिए पाठ्य पुस्तक खरीदने में असमर्थ हैं, उनके लिए ये पुस्तकालय बच्चों को पाठ्य सामग्री सुलभ कराने में कारगर सिद्ध हो सकते हैं।
कार्यक्रम संयोजिका शशि जैन ने कहा कि – भारतीय पुस्तकालय विज्ञान के जनक डा. एस.आर. रंगानाथन की 129 वीं जयंती का केक काटकर बर्थ डे मनाया । इस अवसर पर स्थानीय शहर के पुस्तकालयाध्यक्षों का भी अभिननदन किया गया । कार्यक्रम संयोजक डा. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने “ वॉयस डोनेशन “ पहल के बारे मे अवगत कराया तथा भारतीय परिप्रेक्ष्य मे दृष्तिबाधितो के लिये भाषा एवं पुस्तकालय विभाग की श्रेष्तम पहल साबित होगा ।