दो मिनट में तैयार होने वाली मैगी का विवाद थमा नहीं था, अब महिलाओं के सुर्ख होठों पर सवाल उठ खड़ा हुआ है। दरअसल, जिस लिपिस्टिक का इस्तेमाल कर महिलाएं होठों की खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। वह उन्हें गंभीर बीमारी बांट रही है। लाइलाज कैंसर तक…।
पर्यावरण पर काम करने वाली संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ एन्वायरमेंट हेल्थ एंड सेफ्टी की रिसर्च में यह खुलासा हुआ है। न केवल लिपिस्टिक में लेड समेत घातक तत्व की मात्रा ज्यादा पाई गई है, बल्कि अन्य कॉस्मेटिक में भी धातुओं की मिलावट हो रही है।
खास बात यह है कि बाजार में बिकने वाली सस्ती लिपिस्टिक ही नहीं ब्रांडेड में भी कैंसर फैलाने वाली धातुएं होठों तक पहुंच रही हैं। महिलाओं को अंदाजा भी नहीं होता कि कितनी मात्रा में कैंसर करने वाली धातुएं उनके खून में मिल जाते हैं।
इस संबंध में ऑक्यूपेशनल एंड एन्वायरमेंट मेडिसन सेंटर, नॉर्थ शोर एलआईजी हेल्थ सिस्टम, ग्रेट नेक, न्यूयॉर्क ने शोध किया है। इस संस्था से बरेली का इंस्टीट्यूट ऑफ ईएचएस स्टडीज भी जुड़ा है। खुलासे के बाद अध्ययन के नतीजों को इंस्टीट्यूट आम लोगों तक पहुंचाने की कोशिश में जुट गया है।
पर्यावरण एवं संरक्षा विशेषज्ञ एसके सूरी का कहना है कि कैंसर करने वाली जिन धातुओं को आईएलओ ने चिन्हित किया है वह लिपिस्टिक में होते हैं। इन धातुओं से कई तरह के गंभीर रोग होते हैं। हमारी संस्था इसको लेकर जागरूकता अभियान चलाएगी।
लिपिस्टिक में मिले केमिकल व नुकसान
कैडमियम : सांस के जरिये फेफड़ों तक पहुंचता है और लंग कैंसर करता है।
क्रोमियम : फेफड़ों के कैंसर के साथ खाने-पीने के दौरान पेट में पहुंचकर ट्यूमर बना सकता है।
लेड : कंपनियां इसकी मात्रा कम बताती हैं लेकिन बार-बार लगाने से इसकी मात्रा बढ़ जाती है। कैंसर का कारण।
साभार- दैनिक नईदुनिया से