बिलासपुर : केन्द्र सरकार के मंत्री अपने विभाग के छोटे से छोटे कर्मचारियों की भी बात सुनते है, इसका उदाहरण केन्द्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दिया है। जिस कर्मचारी ने सुरेश प्रभु को अपनी समस्या से अवगत कराया था, वह रेलवे विभाग का अदना सा कर्मचारी है। वैसे इस कर्मचारी की हिम्मत की भी दाद देना होगी, जिसने सीधे-सीधे रेल मंत्री को ईमेल भेजकर समस्या से अवगत कराया।
इसलिये भेजा मेल….
यह मामला सहायक लोको पायलट अवधेश कुमार से जुड़ा हुआ है। दरअसल उनके जैसे कर्मचारी एयर टाइड केबिन में ड्यूटी देने से काफी परेशानी का सामना कर रहे है। जिस तरह के केबिन में ड्यूटी लगती है वहां गर्मी हो या ठंड इतनी गर्मी लगती है कि पूछो ही मत। इसके बाद आखिरकार कर्मचारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत जरूर कराया, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई तो अतंतः उन्होंने सुरेश प्रभु को ही ईमेल करने की हिम्मत जुटा ली।
उन्होंने यह कहा था कि हम जिस केबिन में ड्यूटी करते है, वह ऐसा लगता है जैसे आदमी को किसी गर्म ड्रम में डाल दिया हो, क्योंकि इंजन की गर्मी इतनी तेज होती है कि ठंड में भी पसीने छूटने लगते है। बताया गया है कि सुरेश प्रभु ने अपने विभाग के कर्मचारी की बात को गंभीरता से लिया तथा रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों को जवाब देने के निर्देश दिये। इसके बाद मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बकायदा कर्मचारी को जवाब देते हुये बताया कि केबिनों के लिये एसी का अलाटमेंट कर दिया गया है और जल्द ही केबिनों में एसी लगा दिये जायेंगे। रेल मंत्री द्वारा कर्मचारी की सुनवाई करने के बाद कर्मचारी खुश है।