Sunday, November 24, 2024
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टैक्नॉलाॉजी से दोस्ती कीजिए, ये आपको आगे ले जाएगीःडॉ.सुभाष चंद्रा

मुंबई में एक्‍सचेंज4मीडिया कॉन्‍क्‍लेव के 15वीं श्रृंखला में में ZEEL और एस्‍सेल ग्रुप (Essel Group) के चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया कि टेक्‍नोलॉजी ने किस तरह लोगों की जिंदगी बदलकर रख दी है। उन्‍होंने उदाहरण देते हुए बताया कि किसी समय में लोग कैलकुलेटर से काम करते थे और इसके बाद मोबाइल अस्तित्‍व में आया और कैसे उसने लोगों को साधारण सी बातों को सोचने से मुक्‍त कर उनके दिमाग को नए-नए आयडिया और अवसर के बारे में सोचने का मौका प्रदान किया। उन्‍होंने कहा कि टेक्‍नोलॉजी तो सिर्फ समस्‍या के समाधान को सरल बनाने में सहायता कर सकती है, असली काम तो मनुष्‍य के दिमाग का होता है जो उस समस्‍या को कैसे दूर करना है, उसके बारे में बताता है।

डॉ. चंद्रा ने कहा, ‘इन दिनों जब मैं टेक्‍नोलॉजी को और खासतौर पर विभिन्‍न कंपनियों में कार्यरत अपने सहकर्मियों को देखता हूं तो सबसे अच्‍छा तरीका चीफ टेक्‍नोलॉजी ऑफिसर (CTO) को नियुक्‍त करना लगता है। इसके बाद सीटीओ टेक्‍नोलॉजी डिपार्टमेंट के तहत तकनीक विशेषज्ञों की एक बड़ी सी टीम तैयार कर लेता है। मैंने 20 सालों में टेक्‍नोलॉजी के बारे में यही जाना है कि टेक्‍नोलॉजी आपके पार्टनर का काम करती है, बशर्ते आप इससे समन्‍वय स्‍थापित कर लें।’

उन्‍होंने कहा, ‘हाल ही में एक अंग्रेजी न्‍यूज चैनल लॉन्‍च करने को लेकर हम इसमें इस्‍तेमाल होने वाली समूची टेक्‍नोलॉजी के बारे में चर्चा कर रहे थे। इस टेक्‍नोलॉजी के बारे में जानने के बाद मैंने कहा कि हम यह मानकर क्‍यों नहीं चलते कि हम कोई न्‍यूज ऑर्गनाइजेशन नहीं बनाने जा रहे हैं बल्कि कोई टेक्‍नोलॉजी कंपनी बनाने जा रहे हैं जो हमें न्‍यूज दे रही है। इससे आप समझ सकते हैं कि टेक्‍नोलॉजी का जीवन में कितना अहम योगदान है।’

उन्‍होंने कहा कि सोशल मीडिया मार्केटिंग के काम को और आसान बना रही है। सोशल मीडिया जैसे टि्वटर आदि से न्‍यूज ब्रेक की जा सकती है और इसके बाद फॉलोअप स्‍टोरीज भी क्रिएट की जा सकती हैं जो हमें उसके बारे में विश्‍लेषणात्‍मक जानकारी देती हैं। आज के समय में जब कोई दर्शक किसी भी चीज के बारे में इनफोरमेशन तलाश रहा है तो टेक्‍नोलॉजी उससे संबंधित न्‍यूज को कई तरीके से दर्शकों तक पहुंचा सकती है।

डॉ. चंद्रा ने कहा कि देश में नई चीजों की शुरुआत को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। उन्‍होंने कहा, ‘जब देश में मैंने टेलिविजन की शुरुआत की थी तो फिल्‍म इंडस्‍ट्री को लगता था कि हम उन्‍हें खत्‍म कर देंगे अर्थात उनका धंधा बंद हो जाएगा। लेकिन हुआ इसका उल्‍टा। हमने फिल्‍म इंडस्‍ट्री को प्रमोट किया और इसके साथ कदम से कदम मिलाकर चले। यही स्थिति देश में नई चीजों को शुरू करने को लेकर है कि न तो उनसे कोई समस्‍या है और न ही वह पूरी तरह स्थिति को बदल देंगी। मुझे पूरा विश्‍वास है कि पारंपरिक चीजें कायम रहेंगी और वे मार्केट को और बढ़ाएंगी।’

सुभाष चंद्रा ने कहा, ‘टेक्‍नोलॉजी से मार्केट का विस्‍तार होगा। इससे हमें कई नई बातों को सोचने का मौका मिलेगा और हमारे दिमाग का विकास भी होगा। लोग कहते हैं कि भारतीय टेलिविजन आज जहां पर है, दस साल बाद यह खत्‍म हो जाएगा। लेकिन फिर भी मैं यह कहना चाहूंगा कि यह आने वाले सालों में भी सर्वाइव करेगा लेकिन उस समय टेलिविजन को देखने का तरीका बदल जाएगा और इससे मार्केट बढ़ने के साथ ही कंटेंट लीडर्स की भूमिका भी बढ़ जाएगी। इससे मार्केटर्स के सामने ढेरों अवसर होंगे और पूरे बाजार का विस्‍तार होगा।’

साभार-http://www.samachar4media.com/ से

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