नेतृत्व की प्रभावशीलता का देन है कि वर्तमान में 13.5 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी के मकड़जाल से बाहर हो चुके हैं। संकल्प शक्ति से धनी नेतृत्व ही अपने लक्ष्य को पूर्ति करता है । सक्षम नेतृत्व के अनथक प्रयासों से 21वीं सदी में बैंकिंग ,शौचालय, एलपीजी सिलेंडर, नल से जल, बिजली कनेक्शन और बुनियादी सुविधाएं, जो मानवीय जीवन के लिए अति आवश्यक हैं जिनके कारण मानव अपना सर्वोत्तम विकास कर सकता है। इन बुनियादी सुविधाओं के कारण व्यक्ति के जीवन में खुशहाली ,सुख की साधना और लोक कल्याणकारी धारणा को व्यक्त करती है । सक्षम नेतृत्व के द्वारा शुभारंभ की गई कल्याणकारी योजनाओं से मूलभूत बुनियादी सुविधाओं का बहुसंख्यक भारतीयों तक बृहद स्तर तक पहुंचना सुनिश्चित हुआ है।
वर्तमान सरकार में सरकारी वितरण प्रणाली( पीडीएस) में काफी सराहनीय सुधार हुआ है और स्थिति पहले से बहुत अच्छी हुई है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की प्रासंगिकता पर स्वर्गीय राजीव गांधी ने कहा था कि गरीबों/ निर्धनों और अभावग्रस्त व्यक्तियों के गुणात्मक समृद्धि के लिए जो एक रुपया भेजा जाता था तो उसमें से मात्र 15 पैसे उन तक पहुंचते थे ।शेष धनराशि बिचौलिए (दलाल )उड़ा ले जाते थे ।इस स्थिति में अब काफी बदलाव आया है ।
इस विषय पर मोदी जी का कहना है कि” सैचुरेशन यानी शत – प्रतिशत मेरा सपना है हमें १००% कवरेज की लक्ष्य की ओर जाना है। सरकारी निकाय तंत्र को इसकी आदत डाल लेनी चाहिए। वर्तमान सरकार ने प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करके लाभार्थियों तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में चमत्कार कर दिया है। पिछले कुछ वर्षों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है । वर्तमान में लाभार्थियों को आवंटित धनराशि का 99% से अधिक हिस्सा मिल रहा है। सरकार आज गरीबों और वंचितों को जो भी वित्तीय सहायता निर्धारित कर रही है वह सीधे उनके खाते में पहुंच रहा है। वर्तमान में हाशिए पर पड़ी 90% से अधिक आबादी इसका लाभ उठा रही है ।
अद्यतन आंकड़ों के अनुसार 70% प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति ,अन्य पिछड़े वर्गों और विकलांग वर्गों की सहभागिता रही है। 63% प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि में आर्थिक सहयोग प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों की सहभागिता रही है। 63% प्रधानमंत्रीआवास योजना( ग्रामीण )के तहत घर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों के लोग प्राप्त किए हैं। 65% छात्रवृत्ति अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों के छात्र प्राप्त किए हैं ।55% लोग मुद्रा योजना के 37% करोड़ लाभार्थी अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछले वर्गों के आवेदित व्यक्ति हैं ।
समावेशी शासन के अंतर्गत शासकीय निकायों में प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया है। केंद्रीय मंत्री परिषद में अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के नेताओं का प्रतिनिधित्व है। उच्च शिक्षा में समावेशी विकास की संकल्पना को शामिल करने के लिए 10% आर्थिक कमजोर वर्गों को दाखिला दिया गया है। मेडिकल शिक्षा में अखिल भारतीय कोटा के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए कोटा से आरक्षण दिया गया है ।अखिल भारतीय स्तर पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया है। समाधि समावेशी विकास के अंतर्गत ट्रांसजेंडर वर्गों के अधिकारों का संरक्षण प्रदान किया गया है।
मोदी जी ने यह शासकीय व्यवस्था को लोक कल्याणकारी कार्य जाति ,धर्म, लिंग, क्षेत्र ,आर्थिक स्थिति और राजनीतिक पसंद के आधार पर नहीं बल्कि विकास और आवश्यकता के आधार पर योजनाओं का लाभ दिया गया है। मोदी सरकार योजनाओं के सैचुरेशन अर्थात शत-प्रतिशत लक्ष्य की तरफ उन्नयन का संकेंद्रण कर रही है ।इससे सभी लोगों को बुनियादी मौलिक सुविधाओं तक सबका पहुंच हो सके। मूलभूत सुविधाओं का शत – प्रतिशत कवरेज मोदी सरकार के आर्थिक प्रयासों का परिणाम है। मोदी सरकार ने सार्वजनिक सेवाओं का लाभ लोगों तक पहुंचने में होने वाले लीकेज को रोकने में अभूतपूर्व सफलता हासिल किया है।
सरकार के कल्याणकारी उपाय और गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रमों की सराहना वैश्विक स्तर के संस्थानों ने किया है। पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 81.75 करोड़ लोगों को मुक्त अनाज प्राप्त होता है। स्वच्छ भारत के अंतर्गत 95.8 प्रतिशत अर्थात 11.58 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 3 करोड़ से ज्यादा शहरी और ग्रामीण लोगों को आवास स्वीकृत किया गया है । इसी प्रकार मुद्रा योजना के तहत करीब 35 करोड़ छोटे उद्यमी को व्यापार के उन्नयन के लिए लोन मिला है।
सरकार के संकल्पित इच्छा से वर्तमान तक 48.46 करोड़ जनधन खाता खोले गए हैं। 29.96 करोड़ लोग प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में शामिल है ।13.91 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ प्राप्त हुआ है ।20.91 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य सुरक्षा का लाभ मिला है। 3.2 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास मिला है। 32.8 करोड़ लाख सीधे लाभार्थियों को खाते में मिला है। सौभाग्य योजना के अंतर्गत 3.6 करोड़ घर विद्युत से प्रकाशित हुए है,और 10.5 करोड़ लोगों उज्जवला योजना के अंतर्गत एलपीजी कनेक्शन प्राप्त हुआ है।
इस तरह सरकार के समावेशी शासन की प्रासंगिकता लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में बढ़ी है। सरकार के समावेशी शासन के कारण सभी वर्गों में गुणात्मक उन्नयन हुआ है। गरीबी में संतोषजनक सुधार हुआ है। समाज के सभी वर्गों में खुशहाली का ग्राफ बढ़ा है।
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं।)