ऑस्ट्रेलिया की जेल में बंद महान देशभक्त विकास जूड़ की रिहाई के लिए मैंने बड़े पैमाने पर कोशिश की थी, अखबारों में आर्टिकल लिखे थे , समाचार वेबसाइट पर भी समाचार लिखे थे, इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया था, व्हाट्सएप पर विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह , सूचना मंत्री विदेश मंत्री जयशंकर, हरियाणा के मुख्यमंत्री सहित अन्य सत्ताधारी नेताओं से भी महान देशभक्त विकास जूड़ की रिहाई के लिए अपील की थी।
मेरे द्वारा चलाया गया अभियान सीधे तौर पर सरकार के संज्ञान में आया। जब सरकार के संज्ञान में यह विषय आया तब सरकार को भी मालूम हुआ कि एक देशभक्त के साथ कितनी खतरनाक साजिश और ज्यादती हुई है। भारतीय सरकार की जिम्मेवारी भी सामने आई । विदेश मंत्री जयशंकर ने साफ तौर पर कहा है कि अब विकास जूड़ के साथ न्याय होगा, विकास जूड़ को ऑस्ट्रेलिया की जेल में सड़ने नहीं दिया जाएगा, विकास जूड़ की रिहाई तत्काल कराई जाएगी , विकास जूड़ को जरूरी कानूनी सहायता दी जाएगी, इसके लिए ऑस्ट्रेलिया में भारतीय दूतावास को स्पष्ट निर्देश दिए जाएंगे। भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर की यह जिम्मेदारी देशभक्ति के लिए अनिवार्य है।
यह सही है कि नौकरशाही उदासीन रहती है और खासकर राष्ट्रभक्ति के प्रश्न पर और भी अकर्मण्य साबित होती है, विफल साबित होती है । विकास जूड़ की रिहाई के प्रश्न पर भी भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी आक्रमण, गैर जिम्मेवार और राष्ट्र की अस्मिता के प्रति लापरवाह साबित हुए हैं । विकास जूड़ की गिरफ्तारी हुए 3 महीने हो गए, लेकिन इन 3 महीनों में ऑस्ट्रेलिया में भारतीय दूतावास हाथ पर हाथ धरकर करके बैठा रहा , अगर ऑस्ट्रेलिया स्थित भारतीय दूतावास सक्रिय होता तो निश्चित तौर पर विकास जूड़ की रिहाई कब की ही सुनिश्चित हो जाती है।
विकास जूड़ राष्ट्र द्रोहियों, खालिस्तानियों, जिहादियों, विखंडन कारियो की करतूत का शिकार हुए हैं , उन पर घोर ज्यादतियां हुई हैं ,ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने राष्ट्र विरोधी ,विखंडन कारी खालिस्तानियों और मुस्लिम जिहादियों से लोहा लिया था, उन्हें भारतीय एकता और अखंडता का आईना दिखाया था , खालिस्तानी ऑस्ट्रेलिया की सड़कों पर भारत विरोधी प्रदर्शन कर रहे थे , भारतीय तिरंगे झंडे का अपमान कर रहे थे, इसके खिलाफ विकास जूड़ ऑस्ट्रेलिया की सड़कों पर उतर कर विरोध जताया था और खालिस्तानियों, मुस्लिम जिहादियों को सीधे तौर पर चुनौती दी थी । खालिस्तानियों और मुस्लिम जिहादियों ने एक साजिश के तहत विकास जूड़ को ऑस्ट्रेलिया की जेल में डलवाने का काम किया।
अगर हम विकास जूड़ जैसे देशभक्तों के पक्ष में खड़े नहीं होंगे तो फिर देशद्रोहियों, विखंडन कारीयो मुस्लिम जिहादियों से कौन लड़ने का साहस करेगा? हमारे देशभक्त अपनी जान पर खेलकर देशद्रोहियों विखंडन करीयो ,मुस्लिम जिहादियों से लड रहे हैं, हमें ऐसे देशभक्तों पर गर्व करना चाहिए, इनकी सहायता करनी चाहिए, संकट के समय में इनके साथ कंधे से कंधे मिलाकर कर आगे बढ़ना चाहिए।
भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर के बयान के बाद भी हमारी लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। जब तक विकास जूड़ जी की रिहाई सुनिश्चित नहीं हो जाती तब तक हमें विकास जूड़ की रिहाई के लिए लड़ाई आगे बढ़ाते रहना है।
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*आचार्य श्री विष्णुगुप्त*
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Date.. 24/06/2021
*New Delhi*