Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeआपकी बातदेश में प्रशासनिक सुधार की आवश्यकता

देश में प्रशासनिक सुधार की आवश्यकता

संघीय स्तर (केंद्रीय स्तर) राज्य स्तर( ईकाई स्तर )एवं स्थानीय स्तर( मूलभूत स्तर) पर प्रशासनिक पारदर्शिता की अति आवश्यकता है। लोकतंत्र में जवाबदेही( उत्तरदायित्व) एवं पारदर्शिता( स्वच्छ छवि) आवश्यक होते हैं ,जो कि लोकतंत्र में शासक शासित के प्रति उत्तरदाई(जवाबदेही) होते हैं, इसलिए उनसे विधाई, कार्यपालिका एवं प्रशासनिक कार्यों में जवाबदेही एवं पारदर्शिता की आशा की जाती है। दुर्भाग्य से तंत्र में बहुत कम दिखाई दे रहा है ,इसके पीछे का प्रबल कारण संरक्षणवादी अवधारणा है। संरक्षण वह दीमक है जो आंखों पर मिथ्या का चश्मा लगा देता है। काबिलियत, प्रतिभा एवं योग्यता से कार्य की उपादेयता होती है; क्योंकि इसमें संतुलित ऊर्जा एवं कार्य दक्षता होती है। भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए जबरन सेवानिवृत्ति की योजना कुछ हद तक सहयोगी रहा है। 2014 से सत्ता में आयी भाजपा सरकार ने अब तक लगभग 450 प्रशासनिक अधिकारियों को सत्य निष्ठा और प्रदर्शन उपादेयता में कमी के लिए प्रशासकीय दंड दिया है।

भ्रष्टाचार विकास के लिए मंदक का कार्य कर रहा है क्योंकि इसने प्रतिभा ,काबिलियत एवं योग्यता में रोग पैदा कर दे रहा है। किसी भी प्रगतिशील समाज के लिए रोग व भोग मंदक का कार्य करता है, अर्थात रोगी और भोगी का होना अशुभ संकेत है। प्रशासनिक भ्रष्टाचार के प्रतिशतता को न्यूनतम करने लिए कुछ पहल किया जाए तो : –
1.प्रदर्शन पर आधारित पदोन्नति (गुणात्मक आधार पर प्रदर्शन) से प्रशासनिक अधिकारियों (नौकरशाहों) में कार्य क्षमता को बढ़ाया जा सकता है और इसके अनुप्रयोग से भ्रष्टाचार को न्यूनतम किया जा सकता है ;
2.नागरिक (असैनिक) सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम को अप्रैल, 2021 में अनुमोदित किया गया ।ऐसे कार्यक्रम को भारत सरकार के प्रत्येक मंत्रालय के प्रत्येक विभाग में क्रियान्वित करने का प्रयास किया जाना चाहिए ,इन कार्यक्रमों का उद्देश्य नियुक्ति के पश्चात अधिकारियों एवं नियोक्ता को प्रशिक्षण के माध्यम से कार्यक्षम बनाया जा सकता है;
3. इस दिशा में प्रत्येक मंत्रालय को मानव संसाधन संबंधी नीतियों को समयानुरूप बनाते रहना चाहिए;
4. बड़बोले, बेतुके एवं कामचोर के लिए नियंत्रक निकाय की स्थापना करना चाहिए ;और
5.अक्षम नौकरशाह, गैर जिम्मेदार एवं चारित्रिक दुर्बल प्रशासनिक अधिकारियों के लिए उनके कार्यकाल के दौरान निष्पक्ष एवं प्रासंगिक मूल्यांकन होना चाहिए ,इसमें जनता की भी सहभागिता होना चाहिए; इस तरह के प्रयास अन्य मंत्रालयों ,संस्थाओं एवं विभागों में भी होना चाहिए और
6. पार्श्व भर्ती से भी प्रशासनिक दक्षता बढ़ाया जा सकता है।

भारत वर्ष के कार्यकाल में 4 %लोकसेवक हैं ,जबकि इंग्लैंड में 23 %,चीन में 28 % एवं संयुक्त राज्य अमेरिका में 14 % लोक सेवक हैं ।संघीय सरकार को अपने 444 और इकाई की सरकार (राज्य सरकार)को अपने 1136 सार्वजनिक उपक्रमों में तेज़ी से विनिवेश पर काम करना चाहिए ,इससे होने वाली आय से प्रशासनिक सुधार के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। देश के विकास के लिए सक्षम प्रशासनिक अधिकारी ,सक्षम और प्रासंगिक कर्मचारियों का होना बहुत महत्वपूर्ण है।

(लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं)
संपर्क
sudhakarkmishra@gmail.com

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार