भोजपुरी में एक प्रसिद्ध कहावत है कि इहै मुंहवां पान खियावाला और इहै मुंहवां, पनही। तो अपनी बदजुबानी के जुर्म में पनौती की पनही खाने के लिए अभिशप्त है कांग्रेस। पनही मतलब, जूता। तो इस पनही से मुक्ति के लिए अव्वल तो कांग्रेस को अपने सभी प्रवक्ताओं को बर्खास्त कर देना चाहिए। नागफनी से भी ज़्यादा जहरीले और चुभने वाले, कुतर्की कांग्रेस प्रवक्ताओं ने निरंतर कांग्रेस के ख़िलाफ़ माहौल बनाया है। पढ़े-लिखे, विनम्र और समझदार लोगों को प्रवक्ता बनाना चाहिए। जो कुतर्क और अहंकार को अपना गहना न बनाएं। दूसरे, ज़मीन से पूरी तरह कटे हुए, नकारात्मक सोच के धनी, समाजद्रोही वामपंथी लेखकों और पत्रकारों को अपनी गुड बुक से निकाल कर इन्हें जूतों की माला पहना कर फौरन गेटआउट कर देना चाहिए। बहुत नुकसान किया है, इन्हों ने कांग्रेस का। बेतरह नुकसान किया है। करते ही जा रहे हैं।
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