नई दिल्ली। वैसे तो समुद्री नमक स्वास्थ्य के लिहाज से नुकसानदायक ही माना जाता है लेकिन हाल ही में हुई एक स्टडी में ऐसी बात सामने आई है जो आपको हैरान कर देगी। दरअसल, जिस नमक का उपयोग आप स्वाद बढ़ाने के लिए करते हैं वही नमक आपके शरीर में प्लास्टिक पहुंचा रहा है। यह खुलुसा आईआईटी बॉम्बे द्वारा देश के नामी नमक कंपनियों पर किए गए एक अध्ययन में हुआ है।
आईआईटी बॉम्बे के अध्ययन में कई नामी कंपनियों के नमक में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया है। आईआईटी बॉम्बे के दो सदस्यों वाली एक टीम ने नमक को लेकर ये अध्ययन किया है।
माइक्रोप्लास्टिक वास्तव में प्लास्टिक के बहुत छोटे कण होते हैं और इनका आकार पांच मिलीमीटर से भी कम होता है। पर्यावरण में उत्पाद के धीरे-धीरे विघटन से इनका निर्माण होता है। आईआईटी बॉम्बे के सेंटर फॉर एनवायरमेंट साइंस एंड इंजीनियरिंग ने जांचे गए नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक के 626 कण पाये हैं। अध्ययन में कहा गया है कि माइक्रोप्लास्टिक के 63 फीसद कण छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में थे और 37 फाइबर के रूप में।
अध्ययन में कहा गया कि एक किलो नमक में 63.76 माइक्रोग्राम माइक्रोप्लास्टिक पाया गया। इसमें ये भी कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति प्रति दिन पांच ग्राम नमक लेता है, तो एक साल में वो 117 माइक्रोग्राम नमक का सेवन करता है।