एक बार अमेरिकी प्लेन बनाने वाली कंपनी बोइंग ने अमेरिकी एरोनॉटिकल साइंस के प्रोफेसर्स को फ्री हवाई यात्रा का न्योता दिया। सारे अध्यापक पहुंच गए और प्लेन में जाकर बैठ गए।
जब प्लेन का दरवाजा बंद हो गया तब पायलट ने अनाउंस किया की सभी सज्जनों की सूचित किया जाता है की यह प्लेन आपके द्वारा पढ़ाए गए छात्रों द्वारा बनाया गया है। जो पिछली साल ही पास हुए थे। और आज इस प्लेन की पहली टेस्टिंग उड़ान है। क्या आपको गर्व महसूस हो रहा है ?
ये सुन के अध्यापकों के पसीने छूट गए। सब आनन फानन में सीट बेल्ट खोल के उतरने को भागे। उतरने के लिए प्लेन में भगदड़ मच गई। लोग चीखने पुकारने लगे की नीचे उतारो। लेकिन एक प्रोफेसर आराम से बैठा था।
उतरने की लाइन में लगे एक प्रोफेसर ने उसे शांत बैठे देख के पूछा कि आप बड़े शांत लग रहे। अपको नही लगता की टेस्टिंग फ्लाइट में बैठना… वो भी हाल में पास हुए स्टूडेंट की बनी हुई.. कुछ ज्यादा ही खतरनाक है.. इस पर अध्यापक ने बड़ा प्यारा मेसेज दिया की, “हो सकता है की ये जहाज उतना मजबूत न हो लेकिन ..मुझे अपने विद्यार्थियों पर पूरा भरोसा है। “… उसकी बात अधूरी छोड़ भाई साहब लाइन में आगे बढ़ गए..
प्रोफेसर ने बात पूरी की…. “कि अगर ये प्लेन सच में मेरे विधार्थियों ने बनाया है तो साला स्टार्ट भी नहीं होगा… उड़ना तो दूर की बात है.. बैठो आराम से”..