राजस्थान में हाड़ौती अंचल के कोटा, बूंदी,झालावाड़ और बारां जिले के 288 कलाकारों,साहित्यकारों और लेखकों को ” श्री कर्मयोगी साहित्य गौरव सम्मान -2022″ से सम्मानित किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए राजाराम ने बताया कि वे स्वयं कलाकार, चित्रकार और कवि हैं और चाहते हैं कि वे अपने क्षेत्र के सभी साथियों का जीवन में एक बार सम्मान करें।
समाज के इस वर्ग को जो अपने साहित्य, कथा,कहानी, काव्य, लेखन और कला से हाड़ौती का नाम पूरे देश में रोशन करते हैं उन्हें सम्मानित करने का सिलसिला विगत विश्व पुस्तक दिवस पर 23 अप्रैल से शुरू कर दिया गया है। पहले साहित्यकार और कलाकार कुंभ में 37 प्रतिभाओं को शाल,श्रीफल और सम्मान पत्र दे कर सम्मानित किया जा चुका है। इस प्रकार के चार – पांच समारोह में सबको सम्मानित करने की योजना है।
इस श्रृंखला का दूसरा कार्यक्रम 22 मई को किया जाएगा। उनका प्रयास की कला और साहित्य क्षेत्र की कोई भी प्रतिभा सम्मान पाने से वंचित नहीं रहे। सम्मान उपरांत एक स्मारिका का प्रकाशन कराने की भी उनकी योजना है जिससे सम्मान समारोह की स्मृतियां बनी रहें।
उन्होंने बताया कि प्रथम समारोह में 25 पुरुष एवं 2 महिला प्रतिभा सम्पन्न साहित्यकारों को ” श्री कर्मयोगी साहित्य गौरव सम्मान – 2022 ” से सम्मानित किया गया। समारोह में उपस्थित सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय के अध्यक्ष डॉ. दीपक श्रीवास्तव, विजय जोशी ,रामस्वरूप मूँदड़ा, डॉ.वीणा अग्रवाल, डॉ.कंचना सक्सेना, डॉ.अनीता वर्मा, भागवत सिंह मयंक, सी.एल.साँखला, रघुनाथ मिश्र ‘सहज’, सी.एम. उपाध्याय ‘शून्य आंकाक्षी’, श्यामा शर्मा, प्रीतिमा पुलक, आशा रानी जैन ‘आशु’ , भगवती प्रसाद गौतम, प्रो. के.बी. भारतीय, डॉ.ज़ेबा फ़िज़ा, ए.जमील कुरैशी, प्रो.हरिमोहन शर्मा, रघुनंदन हठीला, जय सिंह आशावत, मंजु किशोर रश्मि, डॉ. आदित्य कुमार गुप्ता, डॉ. रामावतार सागर, यशोदा शर्मा, ख़ुशी राम चौधरी, जोधराज परिहार मधुकर, योगीराज योगी का सम्मान किया गया।
साथ ही श्रीमती शमा फ़िरोज़, सुरेश पण्डित, नहुष व्यास, सीमा घोष, नन्द किशोर अनमोल, बद्रीलाल दिव्य, ज्ञान सिंह गम्भीर, श्रीमती शशि जैन को माला पहनाकर कर, शाल औढ़ाकर तथा सम्मान-पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही पुस्तकालय के अजय सक्सेना और नवनीत शर्मा को भी उनकी निर्बाध सेवा और सहयोग के लिए सम्मानित किया गया। व्यस्तता के चलते समारोह में नहीं आ पाये सम्मानित होने वाले- सर्व डॉ. ओंकारनाथ चतुर्वेदी, मुकुट मणिराज, एवं रतनलाल वर्मा की साहित्यिक उपलब्धियों के संक्षिप्त परिचय के साथ उद्घोषणा की गई।
साहित्यकारों ने मुक्त कंठ से सम्मान प्रदान करने के लिए आयोजित समारोह की प्रशंसा कर राजाराम कर्मयोगी को साधुवाद ज्ञापित किया।