राजस्थान के जैसलमेर का गाजी फकीर वो व्यक्ति था, जिसके पैरों में बड़े-बड़े नेता लौट लगाते थे। एक-दो साल नहीं, बल्कि 50 वर्षों तक वहाँ उसका सिक्का ऐसा चलता था कि कांग्रेस में उसकी बड़ी धमक हुआ करती थी। आज भाजपा के भगवा वस्त्रधारी प्रताप पुरी महाराज ने उसके साम्राज्य का अंत कर दिया है। एक ज़माना था जब उस पर हाथ डालते ही अधिकारी का ट्रांसफर हो जाता था। उसका एक ही लक्ष्य था – सीमा का इस्लामीकरण। 60 के दशक से ही वो हिस्ट्रीशीटर था, लेकिन कांग्रेस की दया से उसका कुछ नहीं बिगड़ा।
सोचिए, भारत पाकिस्तान सीमा, ऊपर से पोखरण जैसा स्थल जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इतना ज़्यादा संवेदनशील है। वहाँ पर गाजी फ़कीर का सिक्का चलता था। उसने अपने बेटे सालेह मुहम्मद को मंत्री बनवा दिया था। आज सालेह मुहम्मद को 35,427 वोटों से भाजपा के प्रताप पुरी ने मात दे दी है। याद कीजिए, कोरोना के दौरान जब गाजी फ़कीर मरा था तो सरे दिशानिर्देशों की धज्जियाँ उड़ गई थीं और हजारों की भीड़ जुटी थी। आज प्रताप पुरी महाराज ने गाजी फकीर की विरासत का किला ढहा दिया और जहाँ आतंक और खौफ का राज था वहाँ भगवा झंडा फहरा दिया