वडोदरा: कुछ महीने पहले भारत आए एक ऑस्ट्रेलियाई कपल की ट्रेन कुछ मिनटों के लिए गुजरात के वडोदरा स्टेशन के बाहर रुकी और उनके कैमरे से एक फोटो ली गई। इस फोटो में फ्लाईओवर के नीचे एक छोटी बच्ची थी, जिसके बदन पर कपड़े नहीं थे। ट्रेन तो वहां से चली गई और ऑस्ट्रेलियन कपल दोबारा अपने देश भी पहुंच गए, लेकिन उनका मन जाने वडोदरा स्टेशन के बाहर उस फ्लाईओवर के नीचे ही रह गया।
मिल गई दिव्या
इस ऑस्ट्रेलियन कपल डिक और पीप के मन में इस बच्ची की मदद करने की तड़प उठी। उन्होंने अपने दूसरे दोस्त क्रिस और जेस को कहा कि वह उस लड़की की तलाश करें। इनके पास था सिर्फ एक फोटो, जिसमें वह लड़की थी, जिसके हाथ में गुलाबी कंगन थे। पता चला कि वह स्टेशन के पास किसी फ्लाईओवर के नीचे रहते हैं। दो दिन तक वे तलाश करते रहे और आखिर उन्होंने इस नौ साल की बच्ची दिव्या को ढूंढ ही लिया।
बच्ची के पिता शंकर और मां कृष्णा दिहाड़ी मजदूर हैं
इस बच्ची के पिता शंकर और मां कृष्णा दिहाडी मज़दूर हैं। मुश्किल से दो जून खाना जुटा पाते हैं, लेकिन फिर भी बच्ची को सरकारी स्कूल में दाखिल कराया था और दिव्या तीसरी कक्षा में पढ़ती है। आमदनी ठीक नहीं थी इसलिए घर भी नहीं बनाया था। यहीं फ्लाईओवर के नीचे प्लास्टिक की छत बनाकर रहते थे। लगता था शायद बच्ची को आगे पढ़ा नहीं पाएंगे।
हर महीने देंगे 8000 रुपये
तभी कुछ दिनों पहले क्रिस और जेस ने उन्हें ढूंढ लिया। बताया कि ऑस्ट्रेलियन कपल उनकी मदद करना चाहता है। बच्ची और मां के नाम से बैंक में खाता खुलवाया गया और 20,000 रुपये जमा करवाए गए और साथ ही हर महीने इस खाते में 8000 रुपये जमा करवाने का वादा किया गया ताकि बच्ची पढ़ाई जारी रख सके और उसके परिवार को पक्की छत भी नसीब हो।
लड़की की मां कहती है कि आमतौर पर लोग भगवान के आगे मदद की प्रार्थना करते हैं, लेकिन उनके लिए तो जैसे भगवान खुद चलकर मदद करने आए डिक और पिप के रूप में।
साभार -http://khabar.ndtv.com से