नई दिल्ली । भारतीय भाषा अभियान की केन्द्रीय समिति का आज पुर्नगठन किया गया । पुर्नगठन हेतु आयोजित केन्दीय समिति की बैठक में भारतीय भाषा अभियान के संस्थापक, संरक्षक एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव, श्री अतुल कोठारी ने नई केन्द्रीय समिति की घोषणा करने से पूर्व अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के विभिन्न आयामों की तरह वर्ष 2015 में भारतीय भाषा अभियान का भी प्रारम्भ हुआ था । अभियान एक मंच के रूप में कार्य करेगा और विशेषकर विधि एवं न्याय के क्षेत्र में भारतीय भाषाओं में कार्य हो, इस हेतु कार्य करने वाले व्यक्ति एवं संस्थाओं को जोड़कर सभी के सहयोग से कार्य करेगा । विगत पांच वर्षों से अभियान के कार्य का सर्वाधिक मात्रा में विस्तार हुआ है एवं सफलता भी अर्जित की है । अभियान के प्रारंभ में ही तय हुआ था कि प्रति तीन वर्ष में सभी स्तर पर दायित्वों की दृष्टि से पुर्नगठन होना चाहिए, इस दृष्टि से आज केन्द्रीय समिति का पुर्नगठन किया जा रहा है जो आज से ही प्रभावी होगा । नई केन्द्रीय समिति में निम्नलिखित पदाधिकारी घोषित किये गएः—
संस्थापक संरक्षक :- श्री अतुल कोठारी (राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास)
राष्ट्रीय संयोजक :- वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व अतिरिक्त सोलीसीटर जनरल व श्री अशोक मेहता (प्रयागराज)
सदस्य :- श्री मूलचन्द्र गर्ग (पूर्व न्यायमूर्ति, मध्यप्रदेश, उच्च न्यायालय), श्रीमती डॉ. विनय कपूर (कुलपति, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (NLU) सोनीपत, हरियाणा, श्री भगवान स्वरूप शुक्ल (अधिवक्ता, दिल्ली उच्च न्यायालय), प्रो. राजेश वर्मा (सी.ए. तथा इन्दौर के शासकीय महाविद्यालय में प्रोफेसर), श्री संजित कुमार (अधिवक्ता, उच्च न्यायालय, केरला), श्री ईश्वर दयाल कंसल (राष्ट्रीय सह-संयोजक, भारतीय भाषा मंच)
नए दायित्व की घोषणा के पश्चात श्री अशोक मेहता जी ने सबके सहयोग से भारतीय भाषा अभियान के विस्तार एवं विकास हेतु आह्वान किया । डॉ. विनय कपूर ने विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कार्य विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया । न्यायमूर्ति श्री मूलचन्द्र गर्ग ने इस कार्य में पूर्व न्यायधीशों को जोड़ने एवं बार काउन्सिल, बार एसोसिएशन से सहयोग लेकर कार्य को आगे बढ़ाने की बात कही । प्रो. राजेश वर्मा ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सभी उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों को द्विभाषी करने की बात की । इसी प्रकार विधि की शिक्षा देशभर में द्विभाषी की जाने हेतु प्रयास की प्रतिबद्धता व्यक्त की । अधिवक्ता श्री संजित कुमार ने दक्षिण भारत में कार्य के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया । अधिवक्ता श्री भगवान शुक्ल ने केन्द्रीय समिति में उनके समावेश हेतु धन्यवाद करते हुए उनको जो भी कार्य दिया जाएगा उसको स्वीकार करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की । अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अधिवक्ता श्री जोयदीप सेन ने लक्ष्य की दिशा में समर्पण भाव से कार्य करने हेतु नई केन्द्रीय समिति का आह्वान किया । अन्त में श्री ईश्वर दयाल कंसल ने अतिशीघ्रता से नई केन्द्रीय समिति की आगामी बैठक आयोजित करके कार्य को गति देने हेतु अपने विचार प्रकट किए ।
(अथर्व शर्मा)
प्रचार-प्रसार प्रमुख
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली
मो.-9205954633