Monday, January 13, 2025
spot_img
Homeसोशल मीडिया से'कू' पर आरएसएस का प्रवेश, ट्वीटर पर खतरा मंडराया

‘कू’ पर आरएसएस का प्रवेश, ट्वीटर पर खतरा मंडराया

सोशल मीडिया की दिग्गज अमेरिकी कंपनी ट्विटर की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। अपनी मनमानी के लिए मशहूर इस कंपनी को अब भारत में देसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘कू’ से कड़ी टक्कर मिल रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मेड इन इंडिया माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट Koo से जुड़ने का फैसला किया है। आरएसएस अब अपने सभी सभी बड़े फैसले और अपेक्षित जानकारियां Koo के माध्यम से लोगों से उनकी अपनी भाषा में साझा करेगा। @RSSOrg संगठन का अधिकृत अकाउंट है। Koo में आरएसएस की एंट्री इसलिए भी ट्विटर के लिए बड़ा झटका है क्योंकि आरएसएस विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक संगठन होने के साथ भारत ही नहीं दुनिया भर में इसके करोड़ों समर्थक हैं। पिछले कुछ महीनों से केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच ब्लू टिक समेत नए नियमों को लेकर काफी तनातनी चल रही थी।

कुछ दिनों पहले ट्वीटर ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत कई नेताओं के निजी ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया था। हालांकि इस फैसले पर बवाल बढ़ने के बाद ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल पर दोबारा ब्लू टिक लगा दिया था। यहां तक की कंपनी ने पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को ही कुछ समय के लिए ब्लॉंक कर दिया था। प्रसाद का ट्विटर अकाउंट करीब एक घंटे ‘लॉक’ रहा था । ट्विटर ने अपने इस कदम के पीछे अमेरिका के ‘डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट’ के उल्लंघन का हवाला दिया। साथ ही साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी अपना अकाउंट ब्लॉक करने के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी थी । ट्विटर की ओर से अलग-अलग कैटेगरी के अकाउंट को वेरिफाई करने के बाद ब्लू टिक प्रदान किया जाता है। एक तरह से यह व्यक्ति या संस्था के अकाउंट की अधिकृत पहचान को जाहिर करता है। ऐसे में ट्विटर की बढ़ती मनमानियों की वजह से आरएसएस ने ‘कू’ से जुड़ने का फैसला किया है। जिस तेजी से Koo लोकप्रिय हो रहा है, उसे देखते हुए आने वाले कुछ दिनों में और भी बड़े दिग्गज नेता ‘कू में नजर आएंगे।

बुधवार शाम मोदी सरकार के कैबिनेट हुए फेरबदल का असर साफ़ तौर पर ‘कू पर देखा गया। सभी मंत्री जिन्हें मंत्री पद के लिए चुना गया और और जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया सभी एक दूसरे को ट्विटर से पहले Koo से जुड़ बधाइयाँ दे रहे थे। इनमें कुछ बड़े नाम है धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री बिरेन सिंह, किशन रेड्डी, हरियाणा के मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर, स्मृति ईरानी, रवि शंकर प्रसाद, रमेश पोखरियाल। सोशल मीडिया पर नजर रखने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि अगले साल पंजाब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश, गुजरात और गोवा चुनाव होना है। ऐसे में यह तय है कि इस बार ट्वीटर को ‘कू से कड़ी टक्कर मिलने वाली है।

साभार – https://prachand.in/ से

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार