Sunday, November 24, 2024
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साकार हो रही है विकसित भारत की संकल्पना

यह भारत का अमृत कल है। विकसित भारत के स्वर्णिम यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव पर राष्ट्र-राज्य( देश) अपने हैसियत और आकांक्षाओं को बनाए रखने के लिए सजग प्रहरी की तरह उर्जित है। मोदी जी के करिश्माई व्यक्तित्व से प्रेरित होकर हम लोग सामूहिक स्तर पर विकसित भारत की संकल्पना को प्राप्त करने के लिए क्रांतिकारी यात्रा प्रारंभ कर दिए है। मोदी जी के सत्ता में आने के पश्चात, अपनी प्रत्येक नीति- निर्माण, नियम- निर्माण और निर्णय व्यवहार और कार्यवाही में’ भारत पहले’ के अपने संकल्प पर कायम रहे हैं ।

मोदी सरकार के’ भारत पहले’ के सरल और शक्तिशाली मंत्र को सर्वोपरि रखकर लोगों के विश्वास को प्राप्त किया है, इसी संकट मोचन और प्राणरक्षक मंत्र के द्वारा मोदी सरकार सीमाओं की सुरक्षा कर रही है, और दूसरी ओर कांग्रेस मुक्त भारत, भ्रष्टाचार मुक्त भारत ,गरीबी मुक्त भारत और अपने नागरिकों को सुरक्षा, संरक्षा और औषधि को प्रदान कर रही है ।यह संकट मोचक मंत्र विदेश में भारत के हितों को संरक्षित कर रहा है और राष्ट्र- राज्य (देश) में रहने वाले भारतीयों के मौलिक अधिकारों की संरक्षण कर रहा है। सरकार के प्रत्येक निर्णय को ‘ भारत पहले ‘ के विजवाक्य /मुख्य वाक्य का सर्वोपरि स्थान है और प्रत्येक निर्णय में यह मंत्र केंद्रीय भूमिका में है।

सरकार के सद्प्रयासों से गरीबी उन्मूलन के प्रयासों को ऊर्जावान पंख दिया जा रहा है, जिसके आशाजनक परिणाम दिखाई दे रहा है। कुल आबादी के दरम्यान 16.4% गरीब /निर्धन भाई रह गए हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर 1.1 अरब गरीब भाइयों की संख्या है। नीति आयोग की अद्यतन प्रतिवेदन में यह तथ्य सामने आया है कि विगत पांच साल के दौरान 13.5 करोड़ लोग गरीबी/ निर्धनता के मकड़जाल से बाहर निकलने में सक्षम हुआ है, जबकि संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट अभिकरण यूएनडीपी के आंकड़ों से पता चलता है कि 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। गरीबी किसी भी परिवार,समाज,नागरिक सरकार,राज्य और राष्ट्र- राज्य (देश ) के लिए अभिशाप है।

भारत को “विकसित राष्ट्र @ 2047” के संकल्पना को साकार करने के लिए गरीबी रूपी परजीवी को सरकारी प्रयासों से पटकनिया देना होगा, क्योंकि गरीबी के रहते भारतवर्ष परम वैभव/ईश्वर की शोभायात्रा/धरती पर ईश्वरीय अवतरण की यात्रा को सरलता से प्राप्त नहीं कर सकता है। सरकार के सद्प्रयासों और उर्जित संकल्प शक्ति से गरीबी का ग्राफ और आंकड़े धराशाई हो रहा है। निम्न आय वर्ग से उच्च आय वर्ग में आने वालों की संख्या भी बड़ी है ।13.5 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से ऊपर आ गए हैं।

वर्ष 2014 में भारतीयों के औसत आय 4 लाख थी ,जो वर्ष 2023 में उन्नयन करके 13 लाख हो गई हैं । 2014 के पहले भारत की अर्थव्यवस्था दसवें स्थान पर थी, जो 2023 में पांचवें स्थान पर है। कुशल ,प्रभावशाली और ऊर्जावान नेतृत्व का एक स्पष्ट दृष्टिकोण होता है और उपयुक्त दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए सबको और ऊर्जावान ढंग से कार्य के लिए प्रेरित करता है। सरकार के निर्णायक और दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर धाक कायम किया है एवं एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर चुका है। यह अति उत्साहित करने वाला तथ्य है कि वर्तमान में वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति बेहद मजबूत/ताकतवर हुई है।

भारत की आवाज को वैश्विक स्तर पर गंभीरता से सुनी जाती है, बल्कि भारत के राय का सम्मान हो रहा है। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे हो, रूस-यूक्रेन युद्ध हो, इसराइल- हमास युद्ध हो विश्व के कई देशों में फंसे नागरिकों के निकासी हो, कोविद-19 (कोरोना महामारी) के विषयों पर वैश्विक समुदाय भारत के सक्षम नेतृत्व की उपादेयता और भारत सबको साथ लेकर चलने की सकारात्मक भूमिका निभा रहा है।समकालीन मुद्दों के समाधान के लिए भारत से राय मांगी जाती है, भारत की आवाज सुनी जाती है और वैश्विक स्तर पर भारत के राय का सम्मान दिया जाता है। वैश्विक राजनीति में राजनीति और कूटनीतिक उपादेयता ने भारत को वैश्विक पटल पर एक महत्वपूर्ण और प्रासंगिक सबल राष्ट्र का स्थान दिया है और भारत एकधुर्वीय व्यवस्था से बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था के उद्भव में अपना सकारात्मक योगदान को निष्पादित कर रहा है।

भारत के द्वारा जी-20 (G – 20) की अध्यक्षता एक शानदार सफलता को ऐतिहासिक बनाया है और भू- राजनीति में भारत के बढ़ते राष्ट्र- राज्य( देश )की भूमिका का शानदार प्रदर्शन किया है। किसी भी राष्ट्र- राज्य (देश) के चतुर्दिक उन्नयन में नागरिकों, व्यक्तियों( अन्य देशों के नागरिक,जो भारत में रह रहे है), नागरिक समाज और विधिक नागरिक सरकार की सामूहिक राजनीतिक आभार होता है। भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र- राज्य( देश) बनने में इन निकायों की सामूहिक और नैतिक जिम्मेदारी है।

सरकार और शासकीय प्रयास से तकनीकी के प्रयोग में तेजी से विकास हुआ है ,लोगों में तकनीकी अधिगम के प्रति दिलेरी उत्कंठा जगी है। तकनीकी के उन्नयन से शासकीय कार्यों में यथेस्ट पारदर्शिता आई है। अब सभी शासकीय कार्यक्रमों के लिए डिजिटल डैशबोर्ड है, जो लाभार्थियों को सभी शासकीय जानकारियां/ सूचनाओं को प्रदान कर रहे हैं। इस डिजिटल–डैश बोर्ड के द्वारा सरकार अपने प्रत्येक कार्य के लिए लोगों के प्रति जवाबदेह ,उत्तरदाई, जिम्मेदार बनाने और सार्वजनिक सेवा वितरण में रिसाव( लीकेज) को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाया है। सार्वजनिक सेवाओं में डिजिटल वितरण से भ्रष्टाचार की समाप्ति हो रहा है, और जीवन जीने में सरलता को प्रोत्साहन मिल रहा है। इससे नागरिकों को नागरिक समाज में सशक्त बनाया जा रहा है।

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) स्थानीय बाजार से लेकर शहर के बड़े मॉल तक भुगतान का सबसे तरजीह साधन हो चुका है। कोविन (cowin) मंच के माध्यम से डिजिटल वितरण होना स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन का पहचान दिया है, इससे भारत को वैक्सीन के वितरण में समानता और लोगों तक सरलता से प्राप्त करने में सहयोग मिला है और आबादी के अधिकांश भाग को वगैरह रिसाव (लीकेज )के प्राप्त हुआ है। लोगों और नागरिक समाज ने चुनौतियों का सामना धैर्य,संयम और आत्मविश्वास से किया है। कोरोना महामारी (कोविद-19) सभी राष्ट्र-राज्यों ( देशों) के लिए अभूतपूर्व चुनौती थी जिससे निपटने के लिए निर्णायक, कारगर, सक्षम सरकार, रिसावविहीन और लोकप्रिय नौकरशाही की आवश्यकता थी।

सरकार ,नागरिक समाज और शासकीय अभिकरणों के आपसी सौहार्दपूर्ण सामंजस्य से महामारी का कुशलता पूर्वक सामना किया, बल्कि वैश्विक स्तर पर संकट मोचक संजीवनी( प्राणवान सहयोगी )की भूमिका को प्रमाणित किया है । राष्ट्रीय सुरक्षा के उन्नयन और नागरिक समाज के बीच सुरक्षा और संरक्षा की भावना बढ़ाने में यथेस्त विश्वास हुआ है। सरकार की राजनीतिक इच्छा शक्ति के संकल्पित भावना के कारण सुरक्षा तंत्र के सुरक्षात्मक, भविष्य में होने वाली घटनाओं और अतिसक्रियता के कारण आतंकवादी घटनाओं, उग्रवादी हमलों और नस्लीय हिंसा में 65 प्रतिशत की गिरावट आई है। सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) की नीति को अपनाकर नागरिक कानून के हिफाजत के लिए सख्त विधि का निर्माण करके और पुलिस को आधुनिकरण करके वैश्विक स्तर की सर्व श्रेष्ठ आतंकवादरोधी राष्ट्र-राज्य,नक्सल विरोधी यंत्र और नस्लीय हिंसा को रोकने की दिशा में काम किया है।

इन सभी अवयवों के योजित और सकारात्मक प्रयास से भारत “विकसित राष्ट्र@2047” को साकार करेगा,बल्कि 2047 तक वैश्विक स्तर पर निर्णायक,सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य,जलवायु परिवर्तन की समस्या को गंभीरता से समाप्त करने में युक्तिसंगत तरीका निकालने वाला, सौहार्द पड़ोसी की भूमिका और विकासशील राष्ट्र- राज्य(समकालीन में दक्षिण की आवाज) को निदान करने में सक्षम,सहयोगी और सहभागी राष्ट्र -राज्य की भूमिका को प्रमाणित करेगा।

(लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं)

एक निवेदन

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