Friday, November 22, 2024
spot_img
Homeहिन्दी जगतकाव्यांजली कार्यक्रम के साथ 75 काव्य साधकों को समरस श्री...

काव्यांजली कार्यक्रम के साथ 75 काव्य साधकों को समरस श्री काव्य शिरोमणि सम्मान

कोटा। विश्व कविता दिवस पर राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय सभागार में आयोजित काव्यांजली कार्यक्रम में 75 काव्य साधकों को “समरस श्री काव्य शिरोमणि सम्मान” से सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाले काव्य साधकों में डॉ. कृष्णा कुमारी, डॉ वेदेही गौतम,अर्चना शर्मा, रीता गुप्ता, साधना शर्मा, डॉ. रंजना शर्मा, वंदना शर्मा, श्यामा शर्मा, सुनीता जैन, गरिमा गौतम, रेणु सिंह राधे, डॉ. प्रतिमा व्यास, , नंदकिशोर शर्मा, अनमोल, ज्ञान सिंह गंभीर, बाबूलाल वर्मा, महेश पंचोली, मुकेश मोरवाल, डॉ. नंदकिशोर महावर, सलीम स्वतंत्र, गोविंद प्रसाद पँवार, डॉ. प्रशांत भारद्वाज, जमील कुरैशी,अहमद अली हुसैन, सीमा घोष, डॉ. रघुनाथ मिश्र ‘सहज’, डॉ विवेक मिश्र, रवि शंकर शाक्यवाल, मंजू किशोर रश्मि, राजेंद्र कुमार जैन इत्यादि प्रमुख रहे ।

मुख्य अतिथि हिंदी संजीवनी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय उदयपुर की प्रोफेसर डॉ
कामिनी व्यास रावत ने कहा कि – कविता समाज के हर वर्ग की कहानी में शामिल है । अध्यक्षीय उद्बोधन में हिंदी कला महाविद्यालय कोटा के प्रोफेसर के प्रोफेसर डॉ. विवेक कुमार मिश्र ने कहा कि कविता मनुष्यता की सभ्यता में मनुष्य के राग संसार का इतिहास है। कवि अपने संसार में स्थित होते हुए नये संसार की रचना करता है जिसमें शोषित, बंचित , अभावग्रस्त और हताश हारे हुए लोगों को भी वहीं जगह मिलती है जो सम्पन्न और शक्तिशाली वर्ग को मिलती है ।

विशिष्ट अतिथि
जितेन्द्र निर्मोही ने कहा कि – कविता स्वप्न और विकल्प की रंगभूमि होतीहै। कवि कविता में कई वैकल्पिक संभावनाओं को अपने भाषा से जीवंत बनाए रखते है।

समारोह में अति विशिष्ट अतिथि डॉ पूर्व अग्रवाल अतिरिक्त निदेशक पेंशन कोटा संभाग , विशिष्ठ अतिथि रजनी शर्मा वरिष्ठसाहित्यकार उदयपुर, राजा राम जैन “ कर्मयोगी” , मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार जितेन्द्र निर्मोही, गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ मुकेश कुमार “स्नेहिल” राष्ट्रीय संस्थापक समरस साहित्य संस्थान भारत (वर्चुअली कनेक्टेड), डॉ रघुनाथ मिश्र “सहज” राष्ट्रीय संरक्षक समरस साहित्य संस्थान भारत , काव्य वक्ता डॉ शिवलहरी , डॉ.कृष्णा कुमारी, डॉ. फरीद खान एव सलीम अफरीदी रहे।

संभागीय पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं अभिनदन करते हुये कहा कि – आज से 24 वर्ष पूर्व 21 मार्च 1999 में कविताओ के संरक्षण , विकास एवं प्रसार के लिये इस दिन को मनाया जाना तय किया गया।कार्यक्रम का संचालन शिक्षाविद सीमा घोष ने किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की आराधना एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। संगीत शिक्षक गोविन्द प्रकाश पंवार ने मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की। सभी आमंत्रित अतिथियों का माल्यार्पण एवं पुष्प गुच्छ देकर कार्यक्रम संयोजिका डॉ शशि जैन ने सम्मानित किया । इस अवसर पर राजेन्द्र कुमार जैन से.नि. सहायक रजिस्ट्रार ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार