ओडिशा में केंद्रपाड़ा जिले के एक दूरस्थ गांव में, अपने चाचा को मगरमच्छ के हमले से बचाने में अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले एक नाबालिग लड़के को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि कंदिरा गांव में सरकारी बासुदेबपुर विद्यापीठ हाई स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र सीखू मलिक (15) को 23 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीरता पुरस्कार प्रदान करेंगे.
सीतू ने इस साल 20 फरवरी को गांव के तालाब में घुसे एक मगरमच्छ के पंजे से अपने चाचा बिनोद मलिक की जान बचाई थी. बहादुर लड़के ने सूझ-बूझ दिखाते हुए बांस उठाया और मगरमच्छ के सिर के ऊपरी हिस्से पर वार किए. मगरमच्छ ने पीड़ित को जकड़ रखा था और वह अचानक हुए इस हमले से हिल गया तथा बिनोद को छोड़कर तालाब में चला गया. जब मगरमच्छ ने हमला किया तो उस समय दोनों हंसिना नदी के किनारे बने खेत में थे.
केंद्रपाड़ा के जिलाधीश दसरथी सत्पथी ने कहा, ‘हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि जिले के किशोर को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है. इस पुरस्कार के लिए चयन भारतीय बाल कल्याण परिषद ने किया और प्रधानमंत्री अगले महीने यह पुरस्कार देंगे. इस संबंध में आईसीसीडब्ल्यू का पत्र जिला प्रशासन को मिल गया है.’ सीतू के स्कूल के हेडमास्टर महेश्वर राउत ने कहा, ‘हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. हमारे छात्र को राष्ट्रीय पहचान मिली है. वह प्रधानमंत्री से हाथ मिलाएगा.’