Sunday, November 24, 2024
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सेकंड हैंड हसबैंड

दो टूक: एक बार रिश्तों को सम्भालना ही बहुत टेढ़ी खीर है यहाँ तो निर्देशक स्मीप कांग गिप्पी ग्रेवाल, टीना आहूजा, धर्मेन्द्र, गीता बसरा, रवि किशन, और आलोकनाथ की भूमिकाओं वाली फिल्म सेकंड हैंड हसबैंड की बात कर रहे हैं।
कहानी : फिल्म की कहानी गुरप्रीत (टीना आहूजा) और राजबीर (गिप्पी ग्रेवाल) के प्यार की है।  दोनों एक-दूसरे से शादी करना चाहते हैं। रूकावट है तो राजबीर की पूर्व पत्नी नेहा (गीता बसरा), जिसे हर महीने गुजारा भत्ता के रूप में भुगतान राजबीर को करना पड़ता है। गुरप्रीत एक वकील है और जानती है कि यदि नेहा की शादी किसी से हो जाए तो गुजारा भत्ता नहीं देना होगा। बस,   दोनों प्रेमी राजबीर की पूर्व पत्नी के लिए एक उपयुक्त दूल्हे की खोज शुरू कर देते हैं। दूसरे दूल्हे की इस खोज में राजबीर के बॉस अजीत सिंह (धर्मेन्द्र) उनकी पत्नी रति अग्निहोत्र , मुकेश तिवारी, रवि किशन, सुप्रिया कर्णिक, संजय मिश्रा, विजय राज, गृप्रीत गुग्गी और हरभजन भज्जी जैसे पात्र और चरित्र भी आते जाते रहते हैं।
गीत संगीत: फिल्म में गीत कुमार के हैं और संगीत बादशाह, जतिंदर शाह,  सुरिंदर रतन और जीयूष का है पर मुझे तो एक भी गीत याद नहीं।

अभिनय: फिल्म में गोविंदा की बेटी नर्मदा उर्फ टीना अहूजा ने अपनी शुरुआत की है और गिप्पी ग्रेवाल की यह पहली हिंदी फिल्म है। नर्मदा बहुत गुंजाइश वाली अभिनेत्री नहीं लगी और गिप्पी ग्रेवाल हिंदी फिल्मों से दूर ही रहे तो बेहतर।  गीता बसरा ठीक हैं लेकिन धर्मेंद्र और रति अग्निहोत्री व्यर्थ हो गए। जबकि  मुकेश तिवारी, रवि किशन, सुप्रिया कर्णिक, संजय मिश्रा, विजय राज, गृप्रीत गुग्गी और हरभजन भज्जी निराश नहीं करते.

निर्देशन: एक बात कहूँगा। फिल्म की कहानी और विषय और कथ्य ओके।  लेकिन उसका शिल्प और पात्रों के साथ चरित्रों की आजमाइश बाबा रे बाबा। 

फिल्म क्यों देखें: कोई काम नहीं है तो देख लें।
फिल्म क्यों न देखें: अब मेरी समीक्षा पढ़ने के बाद ये भी मुझसे ही पूछेंगे क्या। 
रामकिशोर पारचा

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