प्रति,
श्री नरेन्द्रजी मोदी,
प्रधानमंत्री,
भारत सरकार, नईदिल्ली
विषय- भारत बने भारत
महोदय,
सर्वविदित है कि संभवत: विश्व में हमारा देश एकमात्र देश है जो दो अलग-अलग भाषाओं और लिपियों में दो अलग-अलग नामों से जाना जाता है- हिन्दी/देवनागरी में भारत, इंग्लिश/रोमन तथा अन्य विदेशी भाषा और लिपियों में India/इंडिया।
शर्म आती है, दु:ख होता है यह सोचकर कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी हम उस नाम, भाषा और लिपि से मुक्त होना तो दूर अपितु और अधिक जकड़ गए हैं उसके जाल में जो गुलामी की प्रतीक है और हर उस भारतवासी के कलेजे में चुभती है, जो अपने देश से प्यार करता है। देश की इच्छा के विपरीत अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा व्यवस्था के कारण भारत से भारत लुप्त होता जा रहा है, India फलफूल रहा है।
आपके नेतृत्व में पहली बार देश इस सुखद अनुभव से गुजर रहा है कि आज हमारी सरकार एक संप्रभु सरकार है जो देशहित और गौरव की रक्षा के लिए कठोर निर्णय लेने का साहस भी रखती है। अत: आपसे निवेदन है कि आजादी और देश के सम्मान की पूर्णता के लिए निम्न परिवर्तन यथाशीघ्र करने की दिशा में ठोस कदम उठाएं-
1- केन्द्र और सभी राज्यों की समस्त राजकीय कार्यवाही में, भारतीय मुद्रा पर, सभी डाक टिकटों एवं पंजीयन मुद्रांक पत्रों पर किसी भी भाषा और लिपि में भारत को भारत/Bharat ही लिखा जाए, इंडिया या India नहीं।
2- दिल्ली के इंडियागेट का नाम बदलकर भारतद्वार रखा जाए।
3- मुम्बई के गेटवे आफ इंडिया को भी बदलकर भारतद्वार किया जाए।
आपके नेतृत्व में भारत की जनता इस गौरवमयी परिवर्तन की साक्षी होने का आनन्द प्राप्त करने के लिए आतुर है।
आप ही अपने प्रिय देशवासियों की यह छोटी सी अभिलाषा पूर्ण करने में सक्षम हैं, यह मेरा दृढ विश्वास है।
अभिलाषी
एक भारतवासी
नाम-
आधारपत्र क्रमांक-
भ्रमणभाष क्रमांक-
व्यवसाय-
पता-
ये पत्र माननीय प्रधानमंत्रीजी को भारी संख्या में डाक द्वारा
या उनकी वेबसाइट पर ( लिंक नीचे दिया है ) जा कर उसके माध्यम से भेजें और सभी से भिजवाएं ।
https://pmopg.gov.in/pmocitizen/Grievancepmohi.aspx
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साभार- वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई
vaishwikhindisammelan@gmail.com