Sunday, November 24, 2024
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तेंदुए से भिड़ा जांबाज लड़का, बचाई 7 साल के भाई की जान

मुंबई से सटे ठाणे में एक 14 साल के लड़के ने जांबाजी दिखाते हुए मौत के मुंह से अपने छोटे भाई की जिंदगी बचा ली। मुरबाड तालुका के टोकावडे में स्थित करपतवाड़ी गांव में एक तेंदुए ने उसके सात साल के भाई पर हमला कर दिया था। लेकिन 14 वर्षीय नरेश ने हिम्मत दिखाते हुए तेंदुए का डटकर मुकाबला किया।

शुक्रवार दोपहर नरेश कालूराम भाला (14) और हर्षद विट्ठल भाला (7) अपनी दादी के साथ मुरबाड फॉरेस्ट रेंज के पास स्थित अपने खेतों में थे। दोनों की दादी खेती के काम में मशगूल थीं। इसी दौरान दोनों बच्चे ब्लैकबेरी फल की तलाश में खेत से आगे निकल आए। तभी झाड़ियों में छिपे तेंदुए ने नरेश पर छलांग लगा दी। लेकिन उसके तेजी से पीछे हटने पर तेंदुए ने हर्षद पर हमला करते हुए उसे जख्मी कर दिया। नरेश ने तुरंत दिमाग दौड़ाते हुए आस-पास पड़े पत्थर इकट्ठा किए और एक डंडे को उठाकर तेंदुए पर वार किया। नरेश की दिलेरी के आगे तेंदुए को हारना पड़ा और उसने हर्षद को अपने कब्जे से छोड़ दिया।

दोनों की आवाज सुनकर उनकी दादी कान्हीबाई भी हसिया लेकर वहां पहुंचीं, जिसके बाद तेंदुआ भाग गया। कान्हीबाई ने दोनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी चोटों का इलाज चल रहा है। दिलचस्प बात यह है कि एक दिन बाद ही हमला करने वाला तेंदुआ वन विभाग टीम को करीब 300 मीटर दूर मृत पड़ा मिला। 10 से 12 साल की मादा तेंदुए के अवशेष को संजय गांधी नैशनल पार्क में पोस्टमॉर्टम के लिए लाया गया है। मृत तेंदुए को किसी तरह की चोट लगने या कोई असामान्य बात नहीं सामने आई है।

परेल पशु चिकित्सा कॉलेज के पैथॉलजिस्ट डॉ. प्रशांत गडवे और डॉ. शैलेश पेठे ने अपनी रिपोर्ट में ज्यादा उम्र को तेंदुए की मौत की वजह बताया है। शनिवार को स्थानीय टोकावडे पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने बच्चों को सम्मानित किया। टोकावडे पुलिस थाने के प्रभारी सुहास खरमाते ने कहा, ‘नरेश ने अपने चचेरे भाई को बचाने के लिए असाधारण साहस का परिचय दिया।’

साभार- https://navbharattimes.indiatimes.com/ से

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