उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के युवा उद्यमी के लिए यह लॉकडाउन में उभरी तमाम मुश्किलों को अनलॉक करने वाला आइडिया साबित हुआ। जिसने एक ही झटके में बिजनेस को नई राह पकड़ा दी।
कोरोनाकाल में हाथों से दरवाजे को खोलना-बंद करना हर किसी के लिए परेशानी का सबब बन गया है, खासकर सार्वजनिक उपयोग वाले दरवाजों को। इसे युवा उद्यमी ने अवसर के रूप में देखा और अपना डूबता कारोबार बचा लिया।
सोचा कि कितना अच्छा हो यदि दरवाजे खोलने-बंद करने में हाथों का इस्तेमाल ही न करना पड़े। ऑटोमोबाइल पार्ट्स और हार्डवेयर के अपने पुराने बिजनेस को बचाने की जिद्दोजहद में गौरव पंडित ने इस आइडिये पर काम किया और सफलता पाई।
पैर से दरवाजा खोलने-बंद करने के लिए फुट प्रेस फिटिंग पैड की युक्तिपुरानी है, लेकिन इसका मौजूदा समय में किस तरह सदुपयोग किया जा सकता है, यह गौरव ने कर दिखाया। दरवाजे के निचले कोने पर लगाए जा सकने वाले बेहद आसान और सुविधाजनक हैंड्स फ्री डोर ओपनर (लैग पैड) का बेहतर डिजाइन उन्होंने तैयार किया। फिर इसकी देश-विदेश में ऑनलाइन मार्केटिंग की। अमेरिकी कंपनियों को यह डिजाइन बेहद पसंद आया, जहां इस उपकरण की फिलहाल बहुत मांग है। चार कंपनियों ने 1.25 लाख पीस का आर्डर दिया है, जिसका मूल्य दो करोड़ रुपये से अधिक है। गौरव माल तैयार करने में जुटे हुए हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम विवि से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके गौरव की रॉयल डाई कास्टिंग इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्म है। 30 करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर वाली कंपनी का नामचीन ऑटोमोबाइल्स कंपनियों से ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (ओइएम) करार है। लॉकडाउन में काम बंद था।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में बिजनेस चौपट हो गया था। ऑटोमोबाइल्स कंपनियों ने, जिनके लिए पार्ट तैयार करते थे, पहले से दे रखे ऑर्डर भी तीन माह के लिए रोक दिए थे। ऐसे में कुछ नया सोचने के अलावा कोई और रास्ता शेष नहीं था। सोचा कि क्या किया जाए। तब सबसे पहले तो यही समझ में आया कि अनटच वाले उपकरणों की मांग है, इसका बड़ा बाजार मिल सकता है। ऐसे में दरवाजे को खोलने-बंद करने के लिए लैग पैड बनाने की सोची, जिसकी जरूरत अब हर किसी को पड़ेगी।
बकौल गौरव, इंटरनेशनल बाजार और मांग का अध्ययन किया फिर स्टेंडर्ड डिजाइन तैयार किया। एक महीने पहले अमेरिका की कई कंपनियों को प्रस्ताव भेजा। चार अमेरिकी कंपनियों को उत्पाद भा गया। अब भारतीय बाजार में भी उतरने की तैयारी है, जहां ऐसा उपकरण मौजूद तो है, लेकिन प्रचलन में नहीं है।
खुल गया बंद दरवाजा…
अपने कारखाने की मशीनों से ऐसा क्या बना सकता हूं, जो वर्तमान समय में बिक सके, यही सोचते-सोचते यह आइडिया मिल गया। आज दो करोड़ का ऑर्डर मेरे पास है, आगे भी बड़े ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।
-गौरव पंडित, उद्यमी