भारत में बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारियां की जा रही हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिजो आबे इसकी नींव रखेंगे। मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के लिए गुरुवार (14 सितंबर) को भारत की पहली बुलेट ट्रेन के लिए अहमदाबाद में नींव रखी जाएगी। रेल मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन ट्रांसपोर्ट सेक्टर में क्रांति ला देगी। यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा। आइये जानते हैं बुलेट ट्रेन के बारे में 10 बातें।
1- मुंबई से अहमदाबाद के बीच की 508 किलोमीटर के बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट पर 1,10,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। 1,10,000 करोड़ रुपये में से जापान 88,000 करोड़ रुपये का लोन दे रहा है। जिसकी ब्याज दर बहुत ही कम 0.1 फीसदी की है। यह लोन जापान को 50 साल में वापस करना है। इसमें 15 साल का ग्रेस पीरियड भी मिलेगा।
2- इस 508 किलोमीटर के पूरे रूट में से 92 फीसदी रूट एलिवेटिड होगा, 6 फीसदी जमीन के अंदर होगा और केवल 2 फीसदी रूट ही जमीन पर होगा। इस 508 किलोमीटर में से 468 किलोमीटर जमीन से ऊपर (एलिवेटिड) 27 किलोमीटर जमीन के अंदर और 13 किलोमीटर जमीन पर होगा।
3- भारत की पहली बुलेट ट्रेन 21 किलोमीटर लंबी सुरंग से गुजरेगी, इस 21 किलोमीटर में से 6 किलोमीटर की सुरंग समुद्र में बनाई जाएगी।
5- रेल मंत्रालय के मुताबिक बुलेट ट्रेन को 320 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलाया जाएगा। इसकी अधिकतम स्पीड 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
6- अहमदाबाद से मुंबई के बीच कुल 12 स्टेशन प्रतावित हैं। इनमें मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती शामिल हैं। अगर ट्रेन 12 स्टेशनों पर रुकेगी तो यह मुंबई से अहमदाबाद के बीच की दूरी को 2 घंटे 58 मिनट में तय कर लेगी।
7- एक दिन में हाई स्पीड ट्रेन के मुंबई से अहमदाबाद के बीच 70 चक्कर लगाए जा सकते हैं। टोटल 24 हाई स्पीड ट्रेन जापान से इंपोर्ट की जाएंगी। इसके बाद फिर यह भारत में ही बनाई जाएंगी।
8- करीब 825 एकड़ जमीन बलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट के लिए एक्वायर की जाएगी।
9- इंडियन रेलवे के इंफ्रा एडवाइजर ने आईएएनएस को बताया कि जापान को भारत में बुलेट ट्रेन बनाने का इसलिए मौका दिया गया क्योंकि वहां आज तक बुलेट ट्रेन का कोई हादसा नहीं हुआ है।
10- जापान बुलेट ट्रेन के मामले में सबसे आगे है। वहां की बुलेट ट्रेन सबसे ज्यादा पंक्चुअल हैं। जापान बुलेट ट्रेन की तकनीक को भारत को ट्रांसफर करने के लिए भी तैयार था।