Wednesday, December 25, 2024
spot_img
Homeखबरेंस्वामी व्यासानंद ने कहा सत्संग को मंगलमय जीवन का मूल आधार 

स्वामी व्यासानंद ने कहा सत्संग को मंगलमय जीवन का मूल आधार 

स्थानीय नयापली सत्संग भवन में पहली जनवरी को हरिद्वार से पधारे स्वामी व्यासानंद ने मंगलमय जीवन के लिए सत्संग को मूल आधार बताया। उन्होंने बताया कि सत्युग हमारा अच्छा कर्म है।सत्युग संतों की संगति है। सत्युग में आनंद ही आनंद है।संतों की वाणी में साक्षात भगवान का संदेश है। इसलिए जितना भी समय मिले सत्संगति करें। कलियुग हमारा बुरा कर्म है। उसका निदान संतों की संगति है। उन्होंने अच्छे कर्म करने और बुरे कर्मों को त्यागने का नये वर्ष को मंगलमय बनाने के लिए आवश्यक बताया। आयोजक सी ए अनिल-ऋतु अग्रवाल ने सभी का स्वागत किया।यह नये वर्ष का पहला मौका रहा जिसमें मंगलमय जीवन के लिए आध्यात्मिक आयोजन कर भुवनेश्वरवासियों को सत्संग का संदेश दिया गया।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार