सीएम देवेंद्र फडणवीस के सचिवालय में सचिव के तौर पर कार्यरत प्रवीण दराडे ने मलबार हिल स्थित जल अभियंता के बंगले पर अजीब कब्जा करने से राज्य सरकार के सचिव को इसतरह बंगला देने का यह पहला ही प्रयोग हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी हुई जानकारी से यह मामला उजागर हुआ हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने जल अभियंता कार्यालय से डॉ संजय मुखर्जी और पल्लवी दराडे यह जिन जल अभियंता के मलबार हिल स्थित बंगले में रहते हैं उसपर किए गए विभिन्न खर्च की जानकारी मांगी थी। जल अभियंता कार्यालय ने दी हुई जानकारी में डॉ संजय मुखर्जी के बंगले पर 1 करोड़ से अधिक की रकम खर्च होने की बात सामने आई हैं। वहीं पल्लवी दराडे ने अपने पती की पोल खुलने के डर से दिनांक 10 जून 2016 के पत्र से अनिल गलगली को उनके बंगले पर हुए खर्च की किसी भी तरह की जानकारी देनेपर आपत्ति जताई हैं।
खर्च के अलावा और एक मामला था जिससे गैरकानूनी रूप से बंगला देने की बात उजागर हुई। विकास खारगे के तबादले के बाद दराडे के पति प्रवीण दराडे जो सीएम कार्यालय में सचिव हैं उन्हें दिनांक 2 जनवरी 2015 को 4830 वर्ग फूट का बंगला दिया गया हैं। विकास खारगे के बाद यह बंगला डॉ संजय देशमुख को दिया गया था लेकिन उन्होंने बंगले के बजाय सरकारी फ्लैट में रहने का विकल्प का चयन किया।
जल अभियंता का बंगला हमेशा मनपा के आईएएस अधिकारियों को देने की गलत परंपरा शुरु की गई और अब हद हुई हैं कि सीएम के सचिव का अजीब कब्जा इसलिए नियमों के खिलाफ सिर्फ इसलिए हैं क्योंकि राज्य सरकार के आईएएस अधिकारियों को फ्लैट देने का काम सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत आता हैं, यह बताते हुए अनिल गलगली ने मनपा आयुक्त अजोय मेहता को मामले की जांच कर बंगला जल अभियंता को देने की मांग की हैं जो उनके लिए इसलिए बनाए गए थे ताकि मलबार हिल जलाशय इस संवेदनशील स्थान पर जल अभियंता जैसे महत्वपूर्ण अधिकारी का निवास आपातकालीन माहौल में अत्यावश्यक हैं।