पासपोर्ट बनाने या दोबारा बनवाने के लिए पुलिस जाँच ऑनलाइन ही कर सकते हैं। इस तरह से पासपोर्ट 20 दिन के बजाय एक हफ्ते से भी कम समय में बन जाएगा। गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह ऑनलाइन वेरिफिकेशन इस साल नवंबर से शुरू हो सकती है।
गृह मंत्रालय सभी पुलिस अधिकारियों को आधार, मतदाता फोटो पहचानपत्र और नैशनल पॉप्युलेशन रजिस्टर के डेटाबेस का ऐक्सेस देने जा रहा है। इन डेटाबेस की जानकारी क्राइम ऐंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम के जरिए उपलब्ध होगी। इससे पुलिस पासपोर्ट के लिए अप्लाई करने वाले शख्स की पहचान, अड्रेस और क्रिमिनल रिकॉर्ड चेक कर सकेगी।
यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि पासपोर्ट्स के लिए पुलिस को इन चीज़ों की वेरिफिकेशन के लिए कहीं न जाना पड़े। सूत्रों के मुताबिक आधार, मतदाता पहचानपत्र और NPR को CCTNS से लिंक करने पर एसपी देख सकेंगे कि आवेदक ने फोटो और अड्रेस सही दिया है या नहीं। अगर उसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि रही होगी तो उसका भी पता CCTNS से चल जाएगा। CCTNS में पूरे देश के पुलिस स्टेशनों के रिकॉर्ड लिंक किए जाएंगे।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि ऑनलाइन पुलिस वेरिफिकेशन नवंबर में शुरू हो जाएगी। हमें उम्मीद है कि पीएम के विदेश दौरे से लौटने के बाद CCTNS के लिए फंडिंग दी जाएगी। हमें पूरी व्यवस्था बनाने और डेटाबेस को आपस में जोड़ने में 3 से 4 महीने का वक्त लगेगा।' उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था के तहत पुलिस वेरिफिकेशन में लगने वाला वक्त एक हफ्ते से भी कम हो जाएगा, जो अभी 20 दिन (दिल्ली में 13-14 दिन) है। शुरू में पुलिस ऑनलाइन चेकिंग के साथ फिजिकल वेरिफिकेशन भी करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में विदेश और गृह मंत्रालय को निर्देश दिए थे कि पासपोर्ट सर्विस की प्रोसेसिंग तेज की जाए। इसके लिए विदेश और गृह मंत्रालय के बीच समझौता हुआ है कि पासपोर्ट सेवा केंद्र पर अपॉइंटमेंट होते ही पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। तत्काल, रीन्यू या ब्लू पासपोर्ट (सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी होने वाला पासपोर्ट) का आवेदन मिलते ही पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति बनी है।
साभार- टाईम्स ऑफ इंडिया से
अब पासपोर्ट की पुलिस जाँच ऑनलाईन होगी
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