देश में इंजीनियरिंग के विषयों की पढ़ाई से संबंधित सभी सामग्री अभी अंग्रेजी भाषा में ही उपलब्ध है। अब केंद्र सरकार ने हिन्दी एवं क्षेत्रीय भाषाओं में भी इन्हें उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इसका मकसद मौजूदा चुनौतियों का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के जरिए समाधान तलाश करना है।
इन मिशनों का क्रियान्वयन संबंधित मंत्रालयों के जरिए किया जाएगा। यह शोध सामग्री मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड रहेगा। अभी तक छात्र-छात्राओं को शोध में इसलिए परेशानी आती थी कि क्योंकि इनकी पढ़ाई अंग्रेजी में ही करनी होती है, जिस कारण खासतौर पर हिंदी माध्यम के छात्रों को विषय समझने संबंधी समस्या होती थी। इस मिशन के जरिए उच्च वैज्ञानिक सामग्री का हिन्दी और सभी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा।
भविष्य में यह विकल्प दिया जाएगा कि वह वैज्ञानिक ज्ञान अंग्रेजी के अलावा एक क्षेत्रीय भाषा में भी हो। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया जाएगा। बता दें कि अभी मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत तमाम वैज्ञानिक अध्ययन सिर्फ अंग्रेजी में उपलब्ध है, लेकिन इस पहल से भविष्य में क्षेत्रीय भाषाओं में भी शुरुआत हो सकेगी।