ऋग्वेद हमे बांटकर खाना सिखाता है …
जो अनाज खेतों मे पैदा होता है,
उसका बंटवारा तो देखिए…
1, जमीन से चार अंगुल भूमि का,
2, गेहूं के बाली के नीचे का पशुओं का,
3, पहली फसल की पहली बाली अग्नि की,
4, बाली से गेहूं अलग करने पर मूठ्ठी भर दाना पंछियो का,
5, गेहूं का आटा बनाने पर मुट्ठी भर आटा चीटियों का,
6, चुटकी भर गुथा आटा मछलियों का,
7, फिर उस आटे की पहली रोटी गौमाता की,
8, पहली थाली घर के बुज़ुर्ग़ो की
9, फिर हमारी थाली,
10, आखरी रोटी कुत्ते की,
ये हमे सिखाती है हमारी भारतीय संस्कृति और मुझे गर्व है कि मै इस संस्कृति का हिस्सा हूं…