मस्जिदों में लाउड स्पीकर पर अजान में क्या बोला जाता है?
सर्वप्रथम मुअज्जिन ४ बार ‘”अल्लाह हू अकबर” यानी अल्लाह सबसे बड़ा है कहता है।
इसके बाद वह २ बार कहता है – ‘अशहदो अल्ला इलाह इल्लल्लाह’ अर्थात मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवाय कोई पूज्य नहीं है।
फिर २ बार कहता है- ‘अशहदु अन-ना मुहम्मदर्रसूलुल्लाह’ जिसका अर्थ है- मैं गवाही देता हूँ कि हजरत मुहम्मद अल्लाह के रसूल (उपदेशक) हैं।
फिर मुअज्जिन दाहिनी ओर मुँह करके २ बार कहता है- ‘हय-या अललसला’ अर्थात् आओ नमाज की ओर!
फिर बाईं ओर मुँह करके २ बार कहता है- ‘हय-या अलल फलाह’ यानी आओ कामयाबी की ओर!
इसके बाद वह सामने (पश्चिम) की ओर मुँह करके कहता है- ‘अल्लाह हू अकबर’ अर्थात अल्लाह ही एकमात्र सबसे बड़ा है।
अंत में १ बार ‘ला इलाह इल्लल्लाह’ अर्थात् अल्लाह के सिवा कोई भी पूज्य नहींं है। “फजर” यानी भोर की अजान में मुअज्जिन १ वाक्य अधिक कहता है- ‘अस्सलात खैरूम मिनननौम’ अर्थात नमाज नींद से बेहतर है!
भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में क्या इस तरह से लाउड स्पीकर पर दूसरे धर्मों के मानने वालों की भावनाओं को ठेस पहुंचाया जा सकता है ?