लोकसभा टीवी के एडिटर पद के लिए चयनित श्याम किशोर सहाय भले ही टीवी पत्रकारिता का चर्चित चेहरा न रहे हों लेकिन पत्रकारिता में लगभग 18 वर्ष का अनुभव रखने वाले संजीदा, सौम्य और सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़े सृजनशील पत्रकार रहे हैं. स्वभाव से वो लो प्रोफाइल रहना पसंद करते हैं.
उन्होंने 1993-96 में दिल्ली विवि से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. पढाई के दौरान जॉकिर हुसैन कॉलेज की हिन्दी पत्रिका के संपादक रहे और साहित्य अकादमी, दिल्ली ने पत्रिका को सम्मानित भी किया. अपने दौर में दिल्ली विवि के बेस्ट डिबेटर रहे. उनके नाम डिबेट, डिक्लामेशन औऱ एक्सटेंपोर प्रतियोगिताओं के तीन दर्जन से अधिक पुरस्कार हैं. दिल्ली विवि से ही उन्होंने अनुवाद में पीजी डिप्लोमा किया और विवि की एनवॉयरनमेंटल स्टडीज के भी सदस्य रहे. उन्होंने 1996-98 में दिल्ली विवि के दक्षिणी परिसर से पत्रकारिता में पीजी डिल्पोमा प्राप्त किया. मृणाल पांडे और आलोक मेहता के समय हिन्दुस्तान अखबार दिल्ली से इटर्नशिप की औऱ व्यवहारिक पत्रिकारिता से पहला परिचय प्राप्त किया.
दिल्ली के बाद उनका कैरियर कई शहरों से होकर गुजरा. पटना में दैनिक जागरण से अखबार की शुरूआत के समय जुड़े. संपादक शैलेन्द्र दीक्षित, वरिष्ठ पत्रकार सुकांत नागार्जुन, सुभाष पांडे, रजनीश उपाध्याय आदि के साथ काम करने का अवसर मिला. पटना से उन्होंने लखनऊ का रुख किया और हिन्दुस्तान अखबार की रिलांचिंग के समय जुड़े. लखनऊ में संपादक सुनील दुबे, वरिष्ठ पत्रकार उदय कुमार, हेमंत शर्मा, नवीन जोशी, नागेन्द्र कुमार के साथ काम करने का अवसर मिला. ईटीवी के हिन्दी चैनलों की लांचिंग के समय वो हैदराबाद चले गए. ईटीवी बिहार-झारखंड चैनल के आउटपुट की जिम्मेदारी निभाने के बाद ईटीवी नेटवर्क के करंट अफेयर्स डेस्क (सुर्खियों से आगे) के कॉर्डिनेटर रहे. ईटीवी के दौरान वरिष्ठ पत्रकार गुंजन सिन्हा, एन के सिंह, संजय सिंह, राजेश रैना, हिमांशु शेखऱ, अभिजित दास जैसे लोगों के साथ काम करने का मौका मिला.
ईटीवी के बाद उन्होंने सहारा टीवी का रूख किया. सहारा समय उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड, सहारा समय बिहार-झारखंड, औऱ सहारा समय चैनल में इनपुट और आउटपुट में अलग-अलग जिम्मेदारियों पर रहे. एसआईटीवी के सेंट्रलाइज्ड असाइनमेंट डेस्क के कार्डिनेटर के रूप में काम करने का अवसर भी मिला. इस दौरान बीबीसी से आए संजीव श्रीवास्तव, स्पोर्टस जर्नलिज्म के प्रतिष्ठित नाम संजय बनर्जी, संजय बरागटा, प्रबुद्धराज, राव विरेंद्र सिंह, उदयन शंकर, मनोज मलयानिल के साथ काम करने का मौका मिला. बिहार में आयी भयानक बाढ की त्रासदी के समय उन्होंने लोगों की सहायता के लिए कई कार्यक्रम बनाए जिसकी बड़ी सराहना हुई. छठ पर्व को राष्ट्रीय टीवी पर पहली बार लाने का श्रेय़ भी उन्हें जाता है.
सामाजिक सांस्कृतिक रूप से सक्रिय श्याम किशोर कई गतिविधियों से जुड़े हैं. आर्ट ऑफ लिविंग और गायत्री शक्ति पीठ जैसी संस्थाओं से उनका गहरा जुड़ाव हैं. राष्ट्रकवि दिनकर की जन्मस्थली बिहार के सिमरिया से शुरू हुए द्वादश कुंभ पुनर्जागरण अभियान में स्वामी चिदात्मन जी महाराज के साथ सक्रिय हैं. वेदों के ऊपर शोध करने वाली संस्था वेद विज्ञान अनुसंधान संस्थान, सिमरिया के संरक्षक हैं. पोएट्री फिल्म फेस्टिवल से चर्चा में आयी साहित्यिक संस्था साधो से जुड़े हैं. साहित्यिक क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाली संस्था राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति न्यास के सदस्य है. विश्व प्रसिद्ध बिहार योग विद्याल से जुड़े हैं और योग-ध्यान के प्रशिक्षक भी हैं. संस्कृत पर उनकी अच्छी पकड़ है और संस्कृत के लिए काम करने वाली संस्था संस्कृत भारती से भी जुड़े हैं. ज्योतिष विज्ञान में उनकी खास रूचि है और इंडियन काऊंसिल ऑफ एस्ट्रॉलाजिकल साइंसेज, नोएडा के आजीवन सदस्य भी है. राजस्थान में मुस्लिम युवाओं के रोजगार, उनमें उद्यमिता विकास, व्यक्तित्व विकास और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए काम करने वाली संस्था सूफी मुस्लिम यूथ असोसिएशन (एसयूएमवाईए) में सलाहकार की भूमिका में है. संस्था के अध्यक्ष श्रीमान् अनीक़ अहमद उस्मानी का मीडिया से संबंधित विषयों में सतत सहयोग करते हैं. दुनिया के अलग-अलग देशों में प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान पर हो रहे कार्य पर शोध-अध्ययन में लगे हैं.
वर्तमान में आईबीएन7 न्यूज चैनल में सह प्रबंध संपादक सुमित अवस्थी, वरिष्ठ टीवी पत्रकार मृत्युंजय के झा, अमिताभ सिन्हा, प्रतीक त्रिवेदी, आकाश सोनी, औऱ हरीष बर्णवाल आदि के साथ अस्टिटेंट एडिटर के रूप में कार्यरत हैं.
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