Saturday, November 23, 2024
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वाट्सएप पर साहित्य, कला और सृजनकर्मियों का गुलदस्ता है विश्वमैत्री मंच

सुबह उठते ही और रात को सोते समय वाट्सएप पर जिंदगी के खुशनुमा एहसासों से लबरेज़ गीत, कविता, लघुकथा, कहानी और साहित्य की तमाम विधाओँ से जुड़े लेखक-लेखिकाओँ की रचनाओँ का ऐसा संसार पाठकों की दुनिया में आता है कि पाठक उस रचनात्मकता में खो सा जाता है। आज जब वाट्सएप पर घटिया चुटकुलों, कट पेस्ट के संदेश से अपनी तथाकथित रचनात्मकता का बेहूदा प्रदर्शन की होड़ सी लगी हुई है ऐसे में विश्वमैत्री मंच के इस वाट्सएप ग्रुप पर किसी भी तरह का कट पेस्ट संदेश, चुटकुले या राजनीतिक संदेश पोस्ट करने की अनुमति नहीं है, और इस समूह के सभी सदस्य इसका पूरी निष्ठा से पालन करते हैं। इसमें शामिल होने की एक मात्र शर्त है खुद अपनी रचनात्मकता, अपनी सृजनशीलता से समूह के लोगों को परिचित कराईए, आप इस समूह पर पोस्ट अन्य रचनाओँ पर अपनी प्रतिक्रिया दीजिए और अपनी रचनात्मकता को एक नया आयाम दीजिए। इस समूह में कई स्थापित लेखक-लेखिकाएँ भी हैं, तो छोटे बच्चे भी जो अपनी मौलिक रचनाओँ से स्थापित लेखक-लेखिकाओं को भी हैरान कर देते हैं।

इस समूह में कोई गीत, गज़ल या कविता गाकर शब्दों को एक नया स्वर देता है तो कोई अपनी आलोचना, प्रतिक्रिया या वाहवाही कर लेखक-लेखिका का हौसला बढ़ाता है। कुल मिलाकर ये एक ऐसा समूह है जहाँ हर कोई जीवन की आपाधापी के बीच रचनात्मकता और सृजन की एक नई खुशबू बिखेरता है। ये एक ऐसा परिवार है जहाँ एक-दूसरे की आपस में खटपट भी है तो एक पारिवारिक उल्लास भी, आलोचना के तीखे स्वर भी हैं तो एक-दूसरे के प्रति अपनेपन का एहसास भी।

विश्व मैत्री मंच की एक संस्था के रूप में स्थापना मुम्बई में 8 मार्च 2014 को हुई। इस संस्था का उद्देश्य है साहित्य, चित्रकला, संगीत और नाटक के क्षेत्र में छुपी हुई प्रतिभाओं को पर्यटन द्वारा खोजकर मंच प्रदान करना। यह संस्था राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आयोजित कर अन्य क्षेत्र की प्रतिभाओ को अपने से जोड़ती है और विभिन्न विषयों पर पुस्तकें भी प्रकाशित करती है।

संस्था अब तक डलहौजी, भंडारदरा, भूटान, बांदवगढ़, घाटघर और दुबई में सेमिनार आयोजित कर चुकी है। कन्या भ्रूण हत्या पर केंद्रित कविता संग्रह “बाबुल हम तोरे अंगना की चिड़िया “और “खुशहाली का देश भूटान “का प्रकाशन कर चुकी है। संस्था के द्वारा राष्ट्रीय सेमिनार में साहित्य गरिमा पुरस्कार तथा राधा अवधेश स्मृति साहित्य पुरस्कार प्रदान किया जाता है। संस्था के वाट्सएप समूह पर 225 सदस्य प्रतिदिन लगाई गई साहित्यिक पोस्ट पर चर्चा करते हैं इस समूह में लघुकथा की और ग़ज़ल की वर्क शॉप भी आयोजित की जाती है जिसका मार्गदर्शन इन विधाओं के विशेषज्ञ करते हैं।

इस समूह की संस्थापक अध्यक्ष एवं समूह एडमिन हैं, श्रीमती संतोष श्रीवास्तव। उनकी कहानी, उपन्यास,कविता,स्त्री विमर्श तथा गजल विधाओ पर अब तक 17 किताबें प्रकाशित हो चुकी है। उन्हें 2 अंतरराष्ट्रीय तथा 16 राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।

डीम्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की मानद उपाधि भी उन्हें प्रदान की गई है। कहानी ” एक मुट्ठी आकाश “एसआरएम विश्वविद्यालय चैन्नई में बी.ए. के कोर्स में पढ़ाई जाती है। वे अपने 22 वर्षीय कवि पुत्र हेमंत की स्मृति में हेमंत फाउंडेशन के माध्यम से “प्रतिवर्ष हेमन्त स्मृति कविता सम्मान तथा विजय वर्मा कथा सम्मान का आयोजन करती हैं। भारत सरकार द्वारा प्रायोजित 25 देशों की प्रतिनिधि के तौर पर यात्रा कर चुकी हैं।

सम्प्रति स्वतंत्र पत्रकारिता
सम्पर्क 09769023188

kalamkar.santosh@gmail.com

 

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