देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शामिल ‘जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक लगने जा रहे कुंभ मेले की व्यापक कवरेज और इस आध्यात्मिक आयोजन की भव्यता का डिजिटल अनुभव प्रदान करने के लिए ‘जी कुंभ’ (Zee Kumbh) नाम से यूट्यूब चैनल लॉन्च किया है।
‘जी मीडिया’ के अनुसार, यह ऐतिहासिक पहल पहली बार इस पवित्र महोत्सव को वैश्विक दर्शकों तक पहुंचाने का प्रयास है। इस चैनल के माध्यम से दर्शक महाकुंभ के समृद्ध अनुष्ठानों, सांस्कृतिक परंपराओं और गहन आध्यात्मिकता का अनुभव कई भारतीय भाषाओं में कर सकेंगे।
इस क्रम में ‘जी कुंभ’ चैनल एक अद्वितीय डिजिटल अनुभव प्रदान करेगा, जिसमें शाही स्नान जैसे प्रमुख हिंदू अनुष्ठानों की लाइव स्ट्रीमिंग होगी। इसके अलावा, चैनल पर सांस्कृतिक पहलुओं की गहन खोज, प्रसिद्ध संतों के आध्यात्मिक प्रवचन और तीर्थयात्रियों की भक्ति से भरी कहानियां भी दिखाई जाएंगी। इसके साथ ही, महाकुंभ के दौरान जुलूसों, मुख्य आयोजनों और उत्सवों की ताजा जानकारी भी मिलेगी। इस विविध और समृद्ध कंटेंट के माध्यम से, यह चैनल महाकुंभ की आध्यात्मिक ऊर्जा को दुनिया भर में साझा करेगा और इस पवित्र आयोजन से गहरी जुड़ाव की भावना पैदा करेगा।
इस बारे में ‘जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ के सीईओ करण अभिषेक का कहना है, ‘एक अग्रणी मीडिया संगठन के रूप में जी मीडिया के लिए यह गर्व की बात है कि वह महाकुंभ को भारत और दुनिया भर के दर्शकों के करीब ला रहा है। व्यापक कवरेज और डिजिटल-फर्स्ट विजन के माध्यम से, हम इस आयोजन की पवित्रता को संरक्षित करते हुए दर्शकों को इस महोत्सव का समृद्ध अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
वहीं, ‘जी न्यूज’ के मैनेजिंग एडिटर राहुल सिन्हा का कहना है, ‘महाकुंभ एक गहन आध्यात्मिक आयोजन है, जो समय और सीमाओं को पार कर लाखों लोगों को आस्था, भक्ति और परंपरा में एक साथ लाता है। अच्छी स्टोरीटैलिंग, उन्नत टेक्नोलॉजी और उत्कृष्ट कंटेंट के माध्यम से हम महाकुंभ की पवित्रता, विशालता और भावना को दर्शकों को परोसने का प्रयास कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर दर्शक, चाहे वह घर पर हों या विदेश में, इस पवित्र यात्रा के सार से गहराई से जुड़ाव महसूस करें।’
बता दें कि हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाला महाकुंभ, दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन है। यह हिंदू पौराणिक कथाओं में निहित है और आस्था व एकता की गहन अभिव्यक्ति है। यह आयोजन संन्यासियों, साधुओं, साध्वियों, कल्पवासियों और लाखों तीर्थयात्रियों को एक साथ लाता है।