· बिहार के मढ़ौरा संयंत्र से पहली बार निर्यात किए जाएंगे अत्याधुनिक लोकोमोटिव।
· मढ़ौरा प्लांट वर्ष 2025 में इवोल्यूशन सीरीज ES43ACmi लोकोमोटिव का निर्यात शुरू करेगा।
· भारतीय रेलवे और वैबटेक का एक संयुक्त उद्यम है वैबटेक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड।
नई दिल्ली। भारतीय रेल और वैबटेक के संयुक्त उद्यम बिहार में स्थित मढ़ौरा संयंत्र में अफ्रीकी देशों को निर्यात करने के लिए अत्याधुनिक लोकोमोटिव का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए वैबटेक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अपने संयंत्र की क्षमताओं का विस्तार किया जा रहा है। मढ़ौरा प्लांट द्वारा पहली बार निर्यात के लिए लोकोमोटिक का निर्माण किया जाएगा। मढ़ौरा प्लांट वर्ष 2025 में लोकोमोटिव का निर्यात शुरू करेगा।
मढ़ौरा प्लांट द्वारा वैश्विक ग्राहकों को इवोल्यूशन सीरीज ES43ACmi लोकोमोटिव की आपूर्ति की जाएगी। ES43ACmi लोकोमोटिव में 4,500 HP इवोल्यूशन सीरीज का इंजन है, जो अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ ईंधन दक्षता और उच्च तापमान वाले वातावरण में बेहतरी प्रदर्शन करता है।
गौरतलब है कि यह परियोजना रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। यह संयुक्त परियोजना न केवल भारत को वैश्विक लोकोमोटिव विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करती है, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” दृष्टिकोण के अंतर्गत “मेक इन इंडिया” और “मेक फॉर द वर्ल्ड” पहलों के अनुरूप है।
जाहिर है कि रेल मंत्रालय और वैबटेक के बीच सार्वजनिक-निजी भागीदारी की सफलता ने मढ़ौरा संयंत्र को विश्व स्तरीय वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित किया है। अब तक इस प्लांट में लगभग 650 इंजनों का निर्माण किया जा चुका है और इन लोकोमोटिव्स को भारतीय रेल द्वारा उपयोग किया जा रहा है। विदित हो कि मेक इन इंडिया नीति को बढ़ावा देते हुए वर्ष 2018 में बिहार के मढ़ौरा में 70 एकड़ में इस संयंत्र की स्थापना की गई थी। इस संयंत्र की स्थापना भारतीय रेल के लिए 1,000 अत्याधुनिक लोकोमोटिव निर्माण के लिए की गई थी। मढ़ौरा संयंत्र से भारतीय रेल को प्रति वर्ष 100 लोकोमोटिव की आपूर्ति की जा रही है।
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