डॉरमेट्री से लेकर अपार्टमेंट तक अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के पास आवास के कई तरह के विकल्प मौजूद होते हैं।
अमेरिका में अपनी पसंद के विश्वविद्यालय में दाखिला पाना हमेशा ही रोमांचक होता है। लेकिन विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित आवास की तलाश जैसी व्यवाहारिक चुनौतियों को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। अमेरिका आने वाले विद्यार्थियों के लिए अपनी रिहाइश का बंदोबस्त तनावपूर्ण हो सकता है। साथियों की मदद, सक्रियता के साथ तलाश और संसाधनों की जानकारी के लिए विश्वविद्यालयों के अधिकारियों के संपर्क में रहने से विद्यार्थियों को अमेरिका में अपना समय व्यतीत करने में आसानी हो सकती है।
समुदाय पर विश्वास
कभी-कभी अमेरिका आने वाले विद्यार्थी फेसबुक एवं व्हाट्सएप समूहों, क्रेगलिस्ट और स्थानीय वेबसाइटों के माध्यम से अपने रहने का बंदोबस्त कर सकते हैं। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट विद्यार्थी ध्रुव अग्रवाल के अनुसार, “जगह ढूंढ़ने के बाद भी कई तरह की मुश्किलें आ सकती हैं, मसलन, मालिकों द्वारा सामाजिक सुरक्षा नंबर, अमेरिका में क्रेडिट स्कोर और किसी अमेरिकी बैंक में खाते की मांग करना। ये चिंताएं तब और बढ़ जाती हैं, जब बिना जगह को देखे बड़ा सिक्योरिटी डिपॉजिट भी जमा करना हो।”
ऐसे मामलों में साथियों का समुदाय बहुत मददगार साबित हो सकता है। अग्रवाल सलाह देते हैं, “उन विद्यार्थियों को ढूंढ़ें जो पहले से ही वहां मौजूद हैं और उनसे प्रासंगिक समूहों में जोड़ने, आवास संबंधी जानाकरियों को आपको फॉर्वर्ड करने और आपके लिए कुछ घरों को जाकर देख कर आने का अनुरोध किया जा सकता है। जब तक आप किसी उस स्थान की जांच न करा लें, तब तक कभी भी सिक्योरिटी डिपॉजिट का भुगतान न करें।”
अग्रवाल और उनके दोस्त हर साल अमेरिका आने वाले विद्यार्थियों के लिए घरों का दौरा करते हैं। वे कहते हैं, “यह एक आम सवाल है। शर्मिंदा महसूस न करें और अगले वर्ष आने वाले विद्यार्थियों के लिए अगर आप मदद करने की स्थिति में हैं, तो यह उपकार करना याद रखें।”
विभिन्न विकल्पों पर विचार
आने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न विकल्पों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। 2017 में एक अंडरग्रेजुएट विद्यार्थी के रूप में अमेरिका आने वाले देबानिक बसु का कहना है, “पहले शैक्षणिक वर्ष में सभी विद्यार्थियों से डॉरमेट्री में रहने की अपेक्षा की जाती है। डॉरमेट्री दोस्त बनाने और समुदाय की भावना के विकास में बहुत कारगर होती है।” वह विद्यार्थियों को कैंपस के बाहर आवास के विकल्पों पर विचार करने की सलाह देते हैं, क्योंकि अक्सर वे किफायती और सहूलियत के मामलों में बेहतर होते हैं। वह बताते हैं, “रेडिट और फेसबुक जैसे सेशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर अधिकतर विश्वविद्यालयों के स्टूडेंट हाउसिंग ग्रुप्स होते हैं। रिहाइश, समुदाय की भावना और अमेरिका आने से पहले अपने लिए आवास की व्यवस्था तलाशने वाले विद्यार्थियों के लिए ये समूह बेहतरीन संसाधन हो सकते हैं।”उ नका कहना है, “मेरी सबसे खास सलाह तो यही है कि मदद मांगने से परहेज मत करिए और दोस्त बनाइए। अंत में यह सिर्फ कॉलेज में शिक्षा हासिल करने तक का मामला नहीं है बल्कि स्मृतियों और अनुभवों को गढ़ने का भी सवाल है।”
तैयारी रखें और सक्रिय रहें
विद्यार्थियों को अमेरिका आने से पहले आवास के बंदोबस्त के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उदाहरण के लिए नेवाडा यूनिवर्सिटी, रेनो (यूएनआर) में ऑफिस ऑफ इंटरनेशनल स्टूडेंट्स एंड स्कॉलर्स (ओआईएसएस) के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को अस्थायी और स्थायी आवासीय विकल्पों के बारे में लिंक दिया जाता है। अक्सर यहां आने वाल विद्यार्थियों से निजी कंपनियां भी संपर्क साधती हैं और उन्हें अच्छी डील देने का वादा करती हैं। हालांकि आवास के नाम पर पैसे गंवाना भी यहां आम समस्या है।
नेवाडा यूनिवर्सिटी, रेनो में ओआईएसएस की एसोसिएट डायरेक्टर एडिलिया रॉस विद्यार्थियों को धोखाधड़ी वाले सौदों के कुछ स्पष्ट संकेतों के बारे में आगाह करती हैं। वह कहती हैं, “विद्यार्थियों को ऐसे किसी भी प्रॉपर्टी मैनेजर से सतर्क रहना चाहिए जो अग्रिम भुगतान की मांग कर रहा हो, आवास की गारंटी दे रहा हो, उन पर किसी भी चीज़ पर हस्ताक्षर करने या किसी चीज़ के प्रतिबद्ध होने के लिए दबाव डाल रहा हो या ऐसी डील पेश कर रहा हो जो देखने में बहुत अच्छी लग रही हो। ” वह बताती हैं, “इंटरनेट पर “यूएनआर ऑफ कैंपस हाउसिंग” सर्च करने पर काफी अच्छे विकल्पों के बारे में जानकारी मिल सकती है।”
ब्रोडी स्क्वेयर मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में ऑल यू केयर टू ईट डाइनिंग हॉल है। यहां विद्यार्थी अपने डाइनिंग प्लान के मुताबिक डाइनिंग हॉल की सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं। (फोटोग्राफ: साभार मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी )
विद्यार्थियों को कॉलेज पैड्स की तरफ से भी एक वेबसाइट मिलेगी- यह एक कंपनी है जिसकी विश्वविद्यालय के अंडरग्रेजुएट और ग्रेजुएट स्टूडेंट गवर्नमेंट के साथ सहभागिता है, जो ऑफ कैंपस हाउसिंग के मामलों में विद्यार्थियों की मदद करती है। वे विद्यार्थियों को रिहाइश, आवास और खाद्य सेवाओं को लेकर अगर कोई मदद चाहिए तो ओआईएसएस से संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। नेवाडा यूनिवर्सिटी रेनो में, अगर विद्यार्थी अनुरोध करते हैं तो यूनिवर्सिटी स्टाफ, खासतौर पर ओआईएसएस उनका संपर्क उनके देश के लोगों से या फिर उनकी तलाश में मददगार व्यवस्था से जुड़े लोगों से करा सकता है।
नेवाडा यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएट विद्यार्थी मोनिका भारती का कहना है कि, शुरुआती दौर के लिए ओआईएसएस बढि़या संसाधन है। उन्होंने अपने विभाग के दूसरे विद्यार्थियों से भी संपर्क किया जिन्होंने कुछ किफायती विकल्पों के बारे में सुझाया। वह बताती हैं, “ऑन कैंपस डॉरमेट्री कैंपस की सुविधाओं और दूसरे विद्यार्थियों से जुड़ने के लिए अवसरों तक पहुंच प्रदान कराती हैं जैसे कि किसी अपार्टमेंट में अधिक आजादी और अपना खाना खुद बनाने की सुविधा का मिलना।” भारती कहती हैं कि, अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को सक्रिय रहने के साथ अपनी पूरी तैयारी रखनी चाहिए। कुछ दूसरी महत्वपूर्ण बातों के बारे में सलाह देते हुए वह बताती हैं, विद्यार्थियों को किराया, सुविधाओं, ऊपरी तौर पर न दिखने वाले खर्च या फीस, लोकेशन-कैंपस से दूरी, ग्रॉसरी स्टोर्स, सार्वजनिक परिवहन, और दूसरी सुविधाएं, एवं सुरक्षा- जैसे आसपास की अपराध दर, वहां की छवि और रिहाइश में सुरक्षा उपायों के बारे में भी गौर करना चाहिए।
विश्वविद्यालय के संसाधनों का इस्तेमाल करें
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी (एमएसयू) जैसे कुछ विश्वविद्यालयों में अंडरग्रेजुएट विद्यार्थियों को पहले दो सालों तक कैंपस में रहना होता है। मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में बिजनेस ऑपरेशंस, रेजिडेंस, एजुकेशन और हाउसिंग सर्विसेज़ के एसोसिएट डायरेक्टर क्रिस्टोफर सी. स्टोन सीवालिश के अनुसार, “कैंपस में रहने से यूनिवर्सिटी में मिलने वाली सुविधाओं तक विद्यार्थियों की तेजी के साथ आसान पहुंच बन जाती है।” अंडरग्रेजुएट विद्यार्थियों को प्रवेश लेने और अग्रिम पंजीकरण भुगतान करने के बाद कई सारे ई-मेल पर बहुत-सी महत्वपूर्ण जानकारियां भेजी जाती हैं। एमएसयू में ग्रेजुएट विद्यार्थियों को विभिन्न टाइम लाइंस के तहत प्रवेश दिया जाता है। स्टोन सेवालिश के अनुसार, “कभी-कभी उन्हें अगले शैक्षणिक सत्र में आवास के लिए चुने जाने पर प्रवेश दे दिया जाता है और उन्हें फिलहाल ऑफ कैंपस रिहाइश तलाशनी पड़ती है। लेकिन उन्हें हमारी वेबसाइट पर ताजा जानकारी के लिए जरूर जाते रहना चाहिए, क्योंकि हमारी मौजूदगी में बदलाव आ सकता है।” ग्रेजुएट विद्यार्थियों के साथ आश्रित जीवनसाथी और बच्चे भी हो सकते हैं। उनके लिए ,मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ कैंपस हाउसिंग वेबसाइट चलाती हैं। स्टोन-सीवालिश का कहना है, “एमएसयू में ओआईएसएस अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को लक्ष्य बना कर चल रहे घोटालों के बारे में सूचनाओं को साझा करता है और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे, विद्यार्थी कानूनी सेवाओं के जरिए अपनी लीज़ की समीक्षा जरूर कराएं।”
पारोमिता पेन नेवाडा यूनिवर्सिटी, रेनो में, ग्लोबल मीडिया स्टडीज़ विषय में एसोसिएट प्रो़फेसर हैं।