Sunday, March 30, 2025
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उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से बेहतर सुरक्षा

किशन ठक्कर को इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम का अनुभव गैलेक्स आइज़ हाईब्रिड इमेजिंग सैटेलाइट प्रोजेक्ट के लिए काम आया। इससे अमेरिकी कंपनियों के साथ गठजोड़ को भी प्रोत्साहन मिला।

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को उन्नत करने के दृष्टिकोण के साथ, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के पांच पूर्व विद्यार्थियों ने 2021 में बेंगलुरू स्थित कंपनी गैलेक्स आई की सह-स्थापना की। इससे पहले, सभी संस्थापक, आईआईटी मद्रास में आयोजित एक विद्यार्थी प्रतिस्पर्धा आविष्कार हाइपरलूप के हिस्से के रूप में एक साथ काम कर चुके थे, और 2019 में स्पेस एक्स हाइपरलूप प्रतियोगिता में क्वालिफाई करने वाले वे इकलौते एशियाई फाइनलिस्ट थे। नवाचार और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में उनके अनुभव ने अर्थ इमेजिंग को बेहतर बनाने के लिए मिशन गैलेक्स आईज़ को आकार देने में सहायता की।

गैलेक्स आई का मिशन दृष्टि दुनिया का पहला हाईब्रिड इमेजिंग सैटेलाइट लॉंच करने जा रहा है जिसे सभी तरह के मौसमों में और दिन -रात, हाई रिजोल्यूशन इमेज प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। सह-संस्थापक किशन ठक्कर के 2024 में अमेरिका-भारत वाणिज्यिक अंतरिक्ष सहयोग पर आयोजित इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम ( आईवीएलपी) में भागीदारी ने, गैलेक्स आई  के मिशन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आईवीएलपी अमेरिकी विदेश विभाग का प्रमुख पेशेवर कार्यक्रम है जो पेशेवरों को अमेरिका के अल्पकालिक दौरों के माध्यम से उनके समकक्षों के साथ जोड़ता है।

आईवीएलपी एक्सचेंज के हिस्से के रूप में ठक्कर और अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े भारत के आठ दूसरे प्रतिभागियों ने अमेरिकी समकक्षों के साथ संवाद में वाणिज्यिक अंतरिक्ष अवसरों और सहयोग की संभावनाएं तलाशीं। इस समूह ने, एक्सिओम स्पेस, वायासेट, नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर, नासा की जेट प्रापल्शन लैबोरेटरी, नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन और अमेरिकी वाणिज्य विभाग के अपने समकक्षों के साथ मुलाकात की। प्रोग्राम का उद्देश्य भारतीय और अमेरिकी निजी अंतरिक्ष फर्मों के लिए आपस में नेटवर्क बनाने और सहयोग के क्षेत्रों का पता लगाने के अवसर तैयार करने का था।

मिशन दृष्टि विभिन्न क्षेत्रों को सशक्त बनाने के लिए सैटेलाइट-आधारित पृथ्वी अवलोकन को एक अधिक विश्वसनीय डेटा स्रोत बनाने के लिए सहज सेटेलाइट इमेजरी प्रदान करने जा रहा है। ठक्कर स्पष्ट करते हैं, ‘‘’सेटेलाइट की हाई रिज्योलूशन इमेजिंग में ऑप्टिकल और रेडार सेंसर दोनों का इस्तेमाल शामिल है। इसके चलते यह, सैन्य जमावड़े का पता लगाने, सैनिकों की गतिविधियों पर नजर रखने और कम रोशनी की स्थिति में निगरानी करने में सक्षम बनता है। यह फसल पैदावार, शहरीकरण, और पृथ्वी की सतह पर होने वाले बदलाव का भी पता लगा सकता है।’’ सेटेलाइट से मिला डेटा, समुद्री ऑपरेशंस, रक्षा, बीमा, कृषि और सेवा जैसे क्षेत्रों में बेहतर निर्णय लेने में मददगार हो सकता है।

ठक्कर ने अपने आईवीएलपी अनुभव को बहुत ही मूल्यवान बताया, जिसके कारण अमेरिकी सरकार की एजेंसियों, नासा, निजी कंपनियों, और स्पेस फ्लोरिडा जैसे संगठनों के साथ संवाद का मौका मिला। उनका कहना है, ‘‘इससे हमें यह समझने का मौका मिला कि अमेरिका में किस तरह से सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग होता है और साथ ही, किस तरह से उसी दृष्टिकोण को भारत में लागू किया जा सकता है।’’ वह कहते हैं, ‘‘मैंने ऐसी बहुत-सी संभावनाओं का पता लगाया जहां गैलेक्स आई और अमेरिकी कंपनियों के बीच सहयोग हो सकता  है।’’

ऐसे संवादों का एक खास नतीजा फ्लोरिडा स्थित इंपल्सो डॉट स्पेस के साथ औपचारिक समझौते के रूप में सामने आया जिसके तहत वह गैलेक्स आई के सेटेलाइट को आगामी प्रक्षेपण में साथ ले जाएगा। ठक्कर का कहना है, ‘‘आईवीएलपी प्रोग्राम के ठीक बाद मुझे वॉशिंगटन, डी.सी. में सेटेलाइट कॉन्फ्रेंस और प्रदर्शनी के दौरान उन लोगों की टीम से मिलने का मौका मिला।’’

गैलेक्स आई को अमेरिका स्थित कंपनी स्पेसएक्स के साथ सहयोग से भी मूल्यवान अंतर्दृंष्टि और तकनीकी सहायता का लाभ मिला। ठक्कर के अनुसार, उन्होंने हमें मूल्यवान मार्गदर्शन दिया और हमें आश्वस्त किया कि हम दस्तावेजों और लगातार फॉलोअप्स के साथ लॉंच के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

गैलेक्स आई इस साल के अंत में मिशन दृष्टि के लॉंच की तैयारी कर रही है साथ ही कंपनी सेटेलाइट इमेजिंग तकनीक में महत्वपूर्ण सुधार को प्रस्तुत करने जा रही है। ठक्कर स्पष्ट करते हैं कि, दो तरह की इमेजिंग तकनीक – रेडार और ऑप्टिकल को एकसाथ लाने वाला यह पहला सेटेलाइट होगा, जिससे सभी तरह की मौसमी पररिस्थितियों और रोशनी के बीच पृथ्वी की साफ और विस्तृत तस्वीर खींची जा सकेगी। पृथ्वी की निगरानी बढ़ाने से, रक्षा, कृषि और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों की सहायता में काफी मदद मिल सकेगी।

(चित्र परिचयःगैलेक्सआई के सह-संस्थापक किशन ठक्कर (बाएं से चौथे स्थान पर) आईवीएलपी प्रोग्राम के दौरान नासा के गोडार्ड स्पेस फ़्लाइट सेंटर के साइंस एंड एक्सप्लोरेशन डायरक्टरेट में। आईवीएलपी प्रतिनिधिमंडल में भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के सीईओ और तकनीकी निदेशक शामिल थे। (फोटोग्राफ साभार: नासा/टबाथा लुस्की)

 
साभार- https://spanmag.state.gov/hi से

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