भुवनेश्स्थावर। नीय जयदेवभवन सभागार में ओड़िशा के बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी स्व.प्राणनाथ पटनायक का राज्य स्तरीय 54वां श्राद्ध दिवस मनाया गया।समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में ओड़िशा के राज्यपाल मान्यवर रघुवर दास,सम्मानित अतिथि के रुप में मान्यवर न्यायाधीश विश्वनाथ रथ, कटक उच्च न्यायालय तथा श्रीमंदिर रत्नभण्डार अनुसंधान कमेटी,श्री जगन्नाथ मंदिर पुरी,दीपक मालवीय,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लोकसेवक मण्डल,संबाद ओड़िया के सम्पादक सौम्यरंजन पटनायक,प्राणनाथ मेमोरियल कमेटी की कार्याकारी अध्यक्षा डॉ. अर्चना नायक तथा मेमोरियल कमेटी के सचिव दिलीप हाली।
मंचस्थ सभी मेहमानों ने सबसे पहले स्व.प्राणनाथ पटनायक की तस्वीर पर पुष्प अर्पण किया तथा दीप प्रज्ज्वलन किया। श्री रघुवर दास, मान्यवर,राज्यपाल,ओड़िशा के अपने ओजस्वी संबोधन में यह संदेश दिया कि हमारे युवा प्राणनाथ बाबू के बहु आयामी जीवन से प्रेरणा लें।स्वागत भाषण में डॉ.अर्चना नायक ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि स्व.प्राणनाथ पटनायक जी अपने जीवन काल में सच्चे मानवतावादी थे जो पालकी में बैठकर अपनी शादी में नहीं गये अपितु पैदल चलकर गये। वहीं न्यायाधीश विश्वनाथ रथ ने बताया कि स्व.प्राणनाथ पटनायक अपने विवाह में अपनी पत्नी की ओर से कुछ भी नहीं लिया बल्कि एक समाज ओडिया न्यूजपेपर ही लिए वह भी विवाह के दिन का जो वहां सामने उन्हें दिखाई दिया।
दीपक मालवीय ने बताया कि आज प्राणनाथ पटनायक की जीवनी ओड़िशा के पाठ्यक्रम में शामिल की जानी चाहिए जिससे ओड़िशा की भावी पीढ़ी उनके आदर्शों पर चल सके। सौम्य रंजन पटनायक ने बताया कि आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में नेतृत्व की कमी है जो प्राणनाथ पटनायक के पदचिन्हों पर चलकर ही ओड़िशा की युवा पीढ़ी प्राप्त कर सकती है।दिलीप हाली ने अपने संबोधन में स्व.प्राणनाथ पटनायक के पदचिह्नों पर चल रहे उनके सुपुत्र वरीष्ठ पत्रकार प्रदोष पटनायक को उनका सच्चा अनुयायी बताया।
उन्होंने कहा कि जो काम प्राणनाथ पटनायक ने अपने जीवनकाल में किया वहीं काम कीट-कीस के संस्थापक महान शिक्षाविद् प्रो.अच्युत सामंत भी कर रहे हैं।अवसर पर डॉ प्रभास आचार्य,नृसिंह चरण साहू,नयना दास,समीर राउत तथा प्रद्युम्न शतपथी को उनके अतुलनीय विभिन्न सेवाओं के लिए 2024 प्राणनाथ पटनायक अवार्ड से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ मृत्युंजय रथ ने किया।