भुवनेश्वर। कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (केआईएमएस) ने 30 नवंबर को अपने उद्घाटन ‘हेल्थ नेशनल कॉन्क्लेव’ की मेजबानी करके एक महत्त्वपूर्ण स्थान हासिल किया। इस कार्यक्रम ने देश में चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को आकार देने वाले महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिए भारत और विदेश के अनेक प्रतिभाशाली विद्वान डॉक्टर शामिल थे।गौरतलब है कि कीट-कीस-कीम्स के संस्थापक महान् शिक्षावद् प्रो.अच्युता सामंत द्वारा परिकल्पित यह कार्यक्रम ओड़िशा समेत पूरे भारत के लिए पहला सम्मेलन था। सच कहा जाय तो यह ओडिशा में एक स्वास्थ्य सेवा संस्थान द्वारा आयोजित किया जाने वाला आयोजन था। सम्मेलन का मुख्य आकर्षण महान् शिक्षाविद् प्रो. अच्युत सामंत की ओडिशा के 20 जिलों में 20 कॉर्पोरेट शैली के अस्पताल स्थापित करने की घोषणा की।इन अस्पतालों का उद्घाटन अगले साल,2025 तक किया जाना तय है।
सम्मेलन में जाने-माने वक्ताओं में एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हैदराबाद के प्रोफेसर डॉ. डी. नागेश्वर रेड्डी; डॉ. मोहन मधुमेह विशेषज्ञता केंद्र, चेन्नई के प्रो. वी. मोहन; नीति आयोग के प्रो. विनोद पॉल, कृष्णा विश्व विद्यापीठ के प्रो. वेद प्रकाश मिश्रा सहित अन्य लोग शामिल थे। उनकी अंतर्दृष्टि स्वास्थ्य सेवा में उद्यमिता की नैतिकता, किफायती चिकित्सा नवाचार और मधुमेह के बढ़ते खतरे से निपटने जैसे विविध विषयों पर फैली हुई थी।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित डॉ रेड्डी ने आदिवासी समुदायों की सेवा में कीस के प्रयासों की सराहना की और इस सम्मेलन को आध्यात्मिकता सहित कई विषयों को संबोधित करने वाला एक समग्र मंच बताया। प्रो. वी. मोहन ने उद्यमशीलता को नैतिकता के साथ जोड़ते हुए स्वास्थ्य सेवा के लिए महान् शिक्षाविद् प्रो. अच्युत सामंत के अनूठे विचारों की सराहना की। उन्होंने इस तरह की पहल के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर देते हुए कहा, “अगर इरादा नेक है, तो साधन अपने आप ही सामने आ जाएंगे।” कीट के प्रो-चांसलर और प्रख्यात गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ सुब्रत आचार्य ने कीम्स की असाधार्ण उपलब्धियों की सराहना की,एनआईआरएफ रैंकिंग में इसकी 15वीं रैंक और अत्याधुनिक चिकित्सा शिक्षा और सेवाएं प्रदान करने की इसकी प्रतिबद्धता का उल्लेख किया।
इस कार्यक्रम ने विचारोत्तेजक चर्चा-परिचर्चाओं के लिए एक मंच के रूप में भी काम किया प्रो.सामंत ने अपने संबोधन में स्वास्थ्य के महत्त्व को एक सुंदर जीवन की आधारशिला के रूप में दोहराया। उन्होंने कहा, “भले ही आपके पास सारी संपत्ति हो, लेकिन अगर आप अस्वस्थ हैं तो आप उसका आनंद नहीं ले सकते।” उन्होंने सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा परिणामों को बेहतर बनाने के लिए कीम्स के निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला।
कीम्स के अकादमिक अध्यक्ष और प्रोफेसर एमेरिटस डॉ. योगेश कुमार चावला ने संस्थान के विकास-पथ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने कीम्स को बहुत तेज़ी से बढ़ते देखा है। यह एम्स और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों से किसी भी तरह से कम नहीं है। मुझे इसके प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जुड़ने पर गर्व है।” उसी विचार को दोहराते हुए, स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. सीबीके मोहंती ने कहा कि उनके कीम्स के संस्थापक महान् शिक्षाविद् प्रो. अच्युत सामंत ने सीमित संसाधनों और ज्ञान के साथ कीम्स की शुरुआत की, लेकिन आज कीम्स एक विशाल संस्थान के रूप में उभरा है। यह सम्मेलन वास्तव में उनके विजन का परिणाम है।