भुवनेश्वर। हाल ही में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के भुवनेश्वर चैप्टर का गठन किया गया जिसके आधार पर अशोक अग्रवाल संस्थापक अध्यक्ष बने जबकि वीरेंद्र बेताला और किशन बालोदिया बने उपाध्यक्ष बनाए गए।आयोजित कार्यक्रम में आर.के. शुक्ला, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (पूर्व), हीरालाल लोकचंदानी, राष्ट्रीय सलाहकार, गोविंद अग्रवाल, ओडिशा प्रदेश के चेयरमैन, जितेंद्र कुमार गुप्ता, ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष, सीए अमित दारूका, ओडिशा प्रदेश महासचिव, सीए राजेश अग्रवाल, ओडिशा प्रदेश संयुक्त सचिव, सुशील अग्रवाल, ओडिशा प्रदेश कोषाध्यक्ष आदि ने हिस्सा लिया। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार से टेंडरधारकों के लिए टेंडर की प्रक्रियाओं के अनुसार जीएसटी के प्रावधानों को भी निर्धारित करने की मांग की है।
कैट भुवनेश्वर चैप्टर अशोक अग्रवाल संस्थापक अध्यक्ष
यह मांग उन परिपेक्ष्य में उठी है, जहां टेंडर की राशि मिलने से पहले टेंडरधारकों को एक मोटी रकम जीएसटी के रूप में जमा करनी पड़ती है।
समारोह को संबोधित करते हुए गोविंद अग्रवाल ने बताया कि सरकारी नियमों के बावजूद कई बार ऐसी परिस्थितियां बनती है कि टेंडर की शर्तों के पूरा होने में पेमेंट के भुगतान में देरी होती है। चूंकी टेंडर की राशि बड़ी होती है, ऐसी स्थिति में जीएसटी की राशि काफी बड़ी होती है। इसके लिए उन्होंने उदाहरण भी पेश किया कि टेंडर की प्रक्रिया प्रतिस्पर्धी होने के कारण 5-10 फीसदी का लाभ बड़ी मुश्किल से होता है। इसमें अन्य खर्चे भी शामिल होते हैं, लेकिन टेंडर धारक को 18 फीसदी जीएसटी भरनी पड़ती है। यदि तीन महीने के बाद पेमेंट टेंडरधारक को मिलता है, तो जीएसटी 54 फीसदी हो जाती है। ऐसी स्थिति में टेंडरधारकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।गौरतलब है कि धनतेरस के दिन कोरापुट जिले के जयपुर में पूरे व्यापारी समाज को झकझोर देने वाली घटना को कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने गंभीरता से लिया है और जीएसटी विभाग से पीड़ित परिवार के लिए 100 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है। मीटिंग में इसपर भी चर्चा हुई। ओडिशा प्रदेश के चेयरमैन, जितेंद्र कुमार गुप्ता के अनुसार मीटिंग की कार्यवाही और नये पदाधिकारियों का चयन सर्वसम्मति से हुआ।
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