Wednesday, April 9, 2025
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क्या है झिबली या घिबली पढ़ें पूरा इतिहास

हाल ही में, स्टूडियो घिबली-शैली की कला ऑफ़लाइन तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें एआई-जनित वर्ग इस प्रसिद्ध एनीमेशन स्टूडियो की विशिष्ट शैली की नकल कर रही है। OpenAI के GPT-4o ने इतिहास को खुद की, प्रसिद्ध वर्गीकरण की, और यहां तक कि ऐतिहासिक घटनाओं के स्टूडियो घिबली-शैली में चित्र बनाने की सुविधा दी है। इस नई एआई तकनीक ने एक डिजिटल लहर का जन्म किया है, जिससे सोशल मीडिया पर घिबली-डुबकी कला की बाढ़ आ गई है।
स्टूडियोज़ घिबली और उनकी अनोखी विक्रय संरचना
स्टूडियो घिबली दुनिया भर में अपनी सुंदर हस्तनिर्मित एनिमेटेड शैली, सादृश्य कथा चित्रण, और विस्तृत काल्पनिक शैल दुनिया के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन “घिबली” शब्द की अपनी एक अलग ऐतिहासिक उत्पत्ति है।
“घिबली” शब्द की उत्पत्ति
“घिबली” शब्द लीबियाई अरबी से आया है, जिसका अर्थ एक गर्म रेगिस्तानी हवा होता है। इस शब्द का उपयोग ऐतिहासिक रूप से इतालवी पायलटों द्वारा स्मारक सागर की गर्म हवा को देखने के लिए किया गया था। हयाओ मियाज़ाकी, स्टूडियो घिबली के सह-संस्थापक, ने इस नाम को इसलिए चुना ताकि यह स्टूडियो एनीमेशन की दुनिया में एक नई ताजगी और क्रांतिकारी बदलाव लाए।
स्टूडियो घिबली: एनीमेशन की दुनिया में क्रांति
स्टूडियो घिबली की स्थापना 1985 में हयाओ मियाज़ाकी, इसाओ ताकाहाता और तोशियो सुजुकी की थी। यह स्टूडियो अपने हस्तनिर्मित एनिमेटेड कला, अलौकिक से दैत्य दृश्य, और गहराई वाले आर्किटेक्चर के लिए प्रसिद्ध है।
घिबली की विशिष्ट कला शैली
स्टूडियो घिबली की कला-शैली में निम्नलिखित विशेषताएं निर्दिष्ट हैं:
कोमल, पेस्टल रंग की छत्ता, जो एक सपनिला और सजीव स्वभाव का है।
विस्तृत पृष्ठभूमि, जो वास्तविक जीवन के परिदृश्य और पारंपरिक जापानी सौंदर्यशास्त्र से प्रेरित है।
साम्यवादी चरित्र डिजाइन, जो प्रतीकात्मक को भारी जीवंतता और निर्माण करता है।
हस्त निर्मित एनीमेशन तकनीक, जिसमें गति और वास्तविकता का संतुलन होता है।
जादुई यथार्थवाद (जादुई यथार्थवाद), जिसमें साधारण जीवन और कल्पना से लेकर सुंदरता तक के सिद्धांत शामिल हैं।
स्टूडियो घिबली की प्रसिद्ध फ़िल्में और उनका प्रभाव
स्टूडियो घिबली की कई फ़िल्में विश्वभर में अत्यंत लोकप्रिय रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
माई नेबर तोतोरो (1988) – दो भाई और एक जादुई वन स्पिरिट (तोतोरो) की दिल को छू लेने वाली कहानी।
प्रिंसेस मोनोसोके (1997) – इंसानों और प्रकृति के बीच पर आधारित एक शक्तिशाली कहानी।
स्पिरिटेड अवे (2001) – ऑस्कर विजेता फिल्म, जिसमें एक लड़की एक रहस्यमय स्नानघर में फंस जाती है।
हॉल्स मूविंग स्टूडियो (2004) – जादू, प्रेम और युद्ध-विरोधी विचारधारा से भरपूर एक रोमांचक फंतासी कहानी।
घिबली-शैली की कला और मूर्ति
हाल ही में, OpenAI के GPT-4o ने घिबली-शैली की मूर्तिकला-जनित कला को वायरल बना दिया है। यह टूल स्टूडियोज को स्टूडियो घिबली-शैली की सुंदर और छवियाँ बनाने की मात्रा देता है, जिससे सोशल मीडिया पर निजी पोर्टफोलियो, सार्वजनिक कैटलॉग और काल्पनिक स्टाइल्स की घिबली-शैली की छवियां साझा की जा रही हैं।
मियाज़ाकी का फ़िल्म पर नजरिया
हालाँकि, हयाओ मियाज़ाकी ने फिल्म-जेनिट एनीमेशन के प्रति अपनी वफादारी जाहिर की है। उनका मानना है कि वास्तविक एनीमेशन में मानवता की भावना और कला की आत्मा होनी चाहिए, जो मशीन कभी भी पूरी तरह से पकड़ नहीं पाती है। वे प्रौद्योगिकी के बजाय पारंपरिक कला सिद्धांतों को स्वदेशी कहते हैं।
स्टूडियो घिबली-शैली की नाटकीय कला की यह नई लहर एक दिलचस्प प्रवृत्ति है, लेकिन यह भी बहस है कि क्या फिल्म कभी वास्तविक कला निर्माण की जगह ले सकती है या नहीं।
साभार –

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