मुंबई। चित्रनगरी संवाद मंच मुंबई की ओर से मृणालताई हाल, केशव गोरे स्मारक ट्रस्ट, गोरेगांव में रविवार 22 सितंबर 2024 को आयोजित सृजन संवाद में कवि अनिल गौड़ का वक्तव्य काफ़ी पसंद किया गया। विषय था-” आज के दौर में रामचरित मानस”। अनिल गौड़ ने रामचरितमानस की भाषाई ख़ूबियों और काव्य सौंदर्य पर चर्चा करने के साथ ही जनमानस की आस्था के साथ रामचरितमानस के रिश्ते को असरदार तरीके से रेखांकित किया। उनके अनुसार देश की सांस्कृतिक यात्रा में रामचरित मानस का विशेष योगदान है। रामचरित मानस के ज़रिए लोगों के मन में धार्मिक विश्वास और उदात्त मूल्यों को स्थापित करने में तुलसीदास का अप्रतिम योगदान है। कुछ और रचनाकारों ने भी इस चर्चा में महत्वपूर्ण भागीदारी की। ख़ास तौर से व्यंग्यकार के पी सक्सेना ‘दूसरे’ ने रामचरितमानस के प्रमुख चरित्रों से जुड़े कुछ बहुत अच्छे दोहे सुनाए।
‘धरोहर’ के अंतर्गत विवेक अग्रवाल ने कवि, कथाकार, पत्रकार और राजनीतिज्ञ श्रीकांत वर्मा की मशहूर कहानी ‘शव यात्रा’ का पाठ किया। उनकी प्रस्तुति असरदार थी। ‘शवयात्रा’ कहानी 1963 में लिखी गयी थी। प्रेम का रूहानी रंग इस कहानी को विशिष्ट बनाता है। समाज की मुख्यधारा से दूर खड़े दो वंचितों के रिश्ते का ताना बाना इस कहानी को अद्भुत छवि देता है। कुल मिलाकर इस मार्मिक कहानी ने लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी।
कविता पाठ के सत्र में सुनने सुनाने का बड़ा ख़ूबसूरत सिलसिला रहा। प्रज्ञा मिश्रा, अनामिका शर्मा, राजीव रोहित और अनुज वर्मा ने पहली बार चित्रनगरी संवाद में काव्य पाठ किया। शिरकत करने वाले बाक़ी कवियों के नाम हैं – प्रदीप मिश्र, हीरालाल यादव, ताज मोहम्मद सिद्दीक़ी, प्रदीप गुप्ता, राजेश ऋतुपर्ण, पीयूष पराग, क़मर हाजीपुरी, जवाहरलाल निर्झर, महेश साहू, आरिफ़ महमूदाबादी, पूनम विश्वकर्मा, सविता दत्त, दमयंती शर्मा और डॉ आर एस रावत।
इन रचनाकारों ने ऐसी विविधरंगी कविताएं सुनाईं कि सब श्रोताओं के चेहरे तृप्ति से चमक रहे थे। कुल मिला कहानी, कविता और सम्वाद की यह एक यादगार शाम रही।
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