Saturday, December 21, 2024
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धनतेरस पूजा मुहुर्त एवँ महत्त्व

माना जाता है कि इस दिन समुद्र मंथन के दौरान, अमृत का कलश लेकर धनवंतरी प्रकट हुए थे. तभी से इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाने लगा. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, धनवंतरी के प्रकट होने के ठीक दो दिन बाद मां लक्ष्मी प्रकट हुईं थीं. यही कारण है कि हर बार दिवाली से दो दिन पहले ही धनतेरस मनाया जाता है. इस दिन स्वास्थ्य रक्षा के लिए धनवंतरी देव की उपासना की जाती है. इस दिन को कुबेर का दिन भी माना जाता है और धन संपन्नता के लिए कुबेर की पूजा की जाती है.

इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाई जाएगी। कार्तिक मास कृष्णपक्ष तिथि प्रदोष (द्वादशी मिश्रित त्रियोदशी) धनतेरस 29 अक्टूबर 2024 दिन मंगलवार को है। धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है जो इसे और भी शुभ बनाता है। त्रिपुष्कर योग 29 अक्टूबर 2024 दिन मंगलवार को प्रातः छह बजकर 27 मिनट से रात आठ बजकर छह मिनट तक रहेगा।  इस दिन स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त शाम 0642 से रात 0840 मिनट तक रहेगा। धनतेरस के दिन स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त का समय शाम 06:42 से रात 08:40 मिनट तक रहेगा।

धनतेरस का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. धनतेरस के दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक भगवान धन्वंतरि के साथ माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा अर्चना की जाती है।

 

धन्वंतरि देव का पौराणिक मंत्र
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

राशि के अनुसार धन तेरस पर सामान खरीदी का मुहुर्त
मेष – चांदी या तांबा के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान
वृष – चांदी या तांबे के बर्तन
मिथुन – स्वर्ण आभूषण, स्टील के बर्तन, हरे रंग के घरेलू सामान, पर्दा
कर्क – चांदी के आभूषण, बर्तन
सिंह – तांबे के बर्तन, वस्त्र, सोना
कन्या -गणेश की मूर्ति, सोना या चांदी के आभूषण, कलश
तुला- वस्त्र, सौंदर्य या सजावट सामग्री, चांदी या स्टील के बर्तन
वृश्चिक – इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सोने के आभूषण, बर्तन
धनु – स्वर्ण आभूषण, तांबे के बर्तन
मकर – वस्त्र, वाहन, चांदी के बर्तन
कुम्भ – सौंन्दर्य के सामान, स्वर्ण, ताम्र पात्र, जूता-चप्पल
मीन – स्वर्ण आभूषण, बर्तन


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